Maharashtra Politics : महाराष्ट्र में शिवसेना को लेकर जारी सियासी लड़ाई में उद्धव गुट को लगातार झटके लग रहे हैं। नाम और चिन्ह पर चुनाव आयोग के फैसले से आहत उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है लेकिन इस दौरान खबर आ रही है कि संसद में मौजूद शिवसेना का दफ्तर भी शिवसेना (शिंदे गुट) को दे दिया गया है।

चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे गुट ने लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखकर संसद भवन में शिवसेना संसदीय दल का दफ्तर उनको देने का अनुरोध किया था। लोकसभा सचिवालय ने इसे मान लिया और दफ्तर शिदे गुट को अलॉट कर दिया है।

शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले से एक पत्र प्राप्त करने के बाद लोकसभा सचिवालय ने पुष्टि की है कि संसद भवन में शिवसेना कार्यालय के लिए नामित कमरा पार्टी को दे दिया गया है।

चिन्ह और नाम को लेकर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। मंगलवार (20 फरवरी) को उद्धव ठाकरे के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तत्काल सुनवाई करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह कल (22 फरवरी) को दोपहर 3.30 बजे शिवसेना के उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे की ओर से वरिष्ठ वकील डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए हैं।

क्या बोले संजय राऊत

शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना देश की सबसे पुरानी पार्टी है। चुनाव आयोग का ऐसा फैसला कभी किसी और पार्टी के लिए नहीं आ सकता था, यह विशेष तौर शिवसेना के लिए किया गया फैसला है। संजय राउत ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग में पद पर बैठे हुए लोगों को इसीलिए लाया गया है ताकि वह यह फैसले ले सकें, लेकिन हम इसे फैसला नहीं मानते हैं। फैसला देश की सबसे बड़ी अदालत में होगा।

शिवसेना किसकी है किसकी नहीं के सवाल की लड़ाई में शिंदे गुट सरकार गिराने के बाद से लेकर अब तक काफी सतर्क दिखाई दिया है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद शिंदे गुट को यह आशंका थी कि उद्धव गुट इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा इसीलिए शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के फैसले को कायम रखने के लिए वह हर एक चाल चल रहे हैं, जो उनके लिए जरूरी है।

एक दिन पहले ही शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की गई थी।