बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh) को भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में अनिल देशमुख को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया गया। हालांकि अभी 10 दिनों तक वह जेल से बाहर नहीं आ पायेंगे और उन्हें अपना पासपोर्ट भी कोर्ट में जमा कराना होगा।

सीबीआई जायेगी सुप्रीम कोर्ट

हालांकि समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अनिल देशमुख अभी जेल से बाहर नहीं निकलेंगे क्योंकि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए 10 दिन का समय माँगा है। इसलिए अभी कोर्ट ने उनकी रिहाई पर दस दिनों के लिए रोक लगा दी है।

बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अनिल देशमुख के आवास के बाहर जश्न का माहौल देखा गया। एनसीपी कार्यकर्ताओं का रंगों से खेलते और एनसीपी का झंडा लहराते हुए एक वीडियो आया है।

आर्थर रोड जेल में बंद हैं देशमुख

अनिल वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है और मुंबई की आर्थर रोड जेल (Arthur Road prison in Mumbai) में बंद है। न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक (Justice M S Karnik) की एकल पीठ सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने चिकित्सा आधार के साथ-साथ मेरिट के आधार पर जमानत मांगी थी। मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering case) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवंबर 2021 से जेल में बंद हैं। बता दें कि पिछले महीने मुंबई के पूर्व पुलिस अफसर सचिन वाजे को सेशन कोर्ट ने PMLA मामले में जमानत दे दी थी।

अनिल देशमुख पर क्या है आरोप, जानिए

मार्च 2021 में IPS अधिकारी परम बीर सिंह (Param Bir Singh) ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई में रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये एकत्र करने के लिए पुलिस अधिकारियों को टारगेट दिया था। यह मामला तब सामने आया था जब मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास पर बम की खबर ने सुर्खियां बटोरीं थीं। मार्च 2021 में ‘एंटीलिया’ बम कांड मामले में गिरफ्तार निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाज़े (Suspended assistant police inspector Sachin Waze) ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे।