Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में एक बार फिर से राजनीति गर्म हो गई, जब भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल ने मंगलवार को पुणे में राकांपा (सपा) के राष्ट्रीय प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगने लगीं। इन्हीं अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि पूर्व मंत्री पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
पुणे में पवार और पाटिल के बीच बंद कमरे में हुई बैठक के कुछ ही मिनट बाद फडणवीस ने मुंबई में मीडिया से कहा , “चाहे हर्षवर्धन पाटिल हों या पार्टी के अन्य नेता, वे सभी हमारे साथ रहेंगे।”
हर्षवर्धन पाटिल नहीं छोड़ेंगे पार्टी- फडणवीस
फडणवीस ने कहा, “कौन किससे मिल रहा है, इस पर ध्यान मत दीजिए। भाजपा एक मजबूत पार्टी है। भाजपा में बड़े पैमाने पर लोगों का आना-जाना हो रहा है। पिछले हफ़्ते कई नेता भाजपा में शामिल हुए और भविष्य में भी पार्टी में लोगों का आना-जाना जारी रहेगा। चुनाव के दौरान कुछ लोग पाला बदल लेते हैं, ऐसा होता रहेगा।”
इंदापुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक हर्षवर्धन पाटिल के पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। खासकर तब जब राकांपा नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पिछली बार सीट जीतने वालों को ही यह सीट बरकरार रखने का मौका मिलेगा।
हर्षवर्धन पाटिल ने सोमवार को एक मराठी समाचार चैनल से कहा, “मैं इंदापुर विधानसभा सीट को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस का इंतजार कर रहा हूं।”
इंदापुर से चार बार विधायक चुने गए हर्षवर्धन पाटिल
इंदापुर सीट से चार बार विधायक चुने जा चुके हर्षवर्धन पाटिल फिर से इंदापुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि, इस सीट पर भाजपा की गठबंधन सहयोगी एनसीपी का कब्जा है। पिछले दो चुनावों में एनसीपी के दत्तात्रेय भरणे ने हर्षवर्धन पाटिल को हराया है। इस बार एनसीपी भरणे को फिर से मैदान में उतार सकती है और अजित पवार पहले ही इस संभावना के संकेत दे चुके हैं।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) लिमिटेड के अध्यक्ष और वीएसआई के परिषद सदस्य पाटिल ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने पवार के साथ राजनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “आधिकारिक चर्चा के अलावा कोई अन्य चर्चा नहीं हुई।”
इस महीने की शुरुआत में पाटिल ने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह एक बार फिर इंदापुर सीट से चुनाव लड़ें। पाटिल ने कहा, “पार्टी कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि मैं फिर से चुनाव लड़ूं, मैं फडणवीस द्वारा यह स्पष्ट किए जाने का इंतजार कर रहा हूं कि इस सीट पर किसे चुनाव लड़ना है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान सुनेत्रा पवार की मदद की थी और बदले में उन्हें समर्थन मिलने की उम्मीद है।
छह मुख्यमंत्रियोंं के साथ काम कर चुके हर्षवर्धन
2019 तक छह मुख्यमंत्रियों के अधीन मंत्री रह चुके हर्षवर्धन पाटिल कांग्रेस में थे। 2019 के चुनावों से ठीक पहले वे भाजपा में चले गए और इंदापुर सीट से चुनाव लड़े, जहां उन्हें भरणे ने हराया।
राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि पार्टी छोड़ने के इच्छुक नेता ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं, पाटिल ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया है…मैंने पार्टी छोड़ने का कोई फैसला नहीं किया है। न तो मैं किसी से मिला हूं और न ही किसी ने मुझसे संपर्क किया है।”
(मनोज दत्तात्रेय की रिपोर्ट)