महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच शिवसेना नेता 12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कराने की मांग को लेकर स्पीकर के पास पहुंचे हैं। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के लीगल एक्सपर्ट की मदद से यह याचिका तैयार की है।

शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि हमने डिप्टी स्पीकर (महाराष्ट्र विधानसभा) के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए, क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे।

बैठक से पहले नोटिस जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अगर आप बैठक में शामिल नहीं हुए तो संविधान के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ नहीं आए और कुछ ने बेवजह कारण बताए।

शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, “आप अयोग्यता के लिए 12 विधायकों के नाम बताकर हमें डरा नहीं सकते क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं। हम कानून जानते हैं, इसलिए हम धमकियों पर ध्यान नहीं देते हैं।” उन्होंने कहा, “हम आपके तरीके और कानून भी जानते हैं। संविधान की अनुसूची 10 के अनुसार, व्हिप का इस्तेमाल विधानसभा के काम के लिए किया जाता है, बैठकों के लिए नहीं।”

एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र शिवसेना विधायक दादाजी भुसे, विधायक संजय राठौड़ और एमएलसी रवींद्र फाटक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में मौजूद हैं। सूत्रों के मुताबिक यहां एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 37 से ज्यादा विधायक मौजूद हैं।

गुवाहाटी में अपने विधायकों के साथ शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे (भाजपा) एक राष्ट्रीय पार्टी हैं…उन्होंने मुझे बताया है कि मैंने जो निर्णय लिया है वह ऐतिहासिक है और जब भी मुझे उनकी आवश्यकता होगी वे मौजूद रहेंगे।

NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है या नहीं विधानसभा में स्थापित होना है। जब प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा तो यह साबित हो जाएगा कि यह सरकार बहुमत में है। हमने कई बार महाराष्ट्र में ऐसे हालात देखे हैं। मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि हम इस संकट को हरा देंगे और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार सुचारू रूप से चलेगी। महा विकास अघाड़ी (MVA) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को समर्थन देने का फैसला किया है। मेरा मानना है कि एक बार (शिवसेना) विधायक मुंबई लौट आएंगे तो स्थिति बदल जाएगी।