महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने अपने जिंदा लाश वाले बयान पर अब दार्शनिक अंदाज में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जो लोग 40-40 साल तक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं, उनका ज़मीर मर गया है, तो उसके बाद क्या बचता है? ज़िंदा लाश। यह राममनोहर लोहिया साहब के शब्द हैं। मैंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया, मैंने सत्य कहा है।
संजय राउत ने कहा कि मैंने गुलाबराव पाटिल के भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें वह उन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं जो अपने पिता को बदलते हैं। मेरा ट्वीट गुवाहाटी में बैठे लोगों के लिए है। पाटिल ने अपने भाषण में कहा, ‘लोग खाते-पीते हैं और पार्टी के साथ मौज-मस्ती करते हैं और फिर अपने पिता को बदल लेते हैं, हम उनके जैसे नहीं हैं।’
राउत ने रविवार ( 26 जून, 2022) को बागी विधायकों के खिलाफ विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जो 40 लोग वहां हैं, वे जिदा लाश हैं। ये मुर्दा हैं। उनके शव यहां आएंगे। उनकी आत्मा मरी हुई है। ये 40 लोग जब उतरेंगे तो मन से जिंदा नहीं होंगे। उन्हें मालूम है कि ये जो आग लगी है उससे क्या हो सकता है। आकर दिखाएं वे।’
इससे पहले उन्होंने कहा था कि हमने संयम बना रखा है, नहीं तो हजारों शिवसैनिक हमारे केवल एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे। कल उद्धव जी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं वो शिवसेना नाम का इस्तेमाल ना करें और अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करें और वोट मांगें।
शिवशेना नेता सुनील राउत ने कहा कि मैं गुवाहाटी क्यों जाऊं? मैं गोवा जा सकता हूं। गुवाहाटी में क्या गद्दारों का चेहरा देखने जाऊंगा। मैं शिवसेना का आदमी हूं। मैं अपने आखिरी क्षण तक शिवसेना में ही रहूंगा और शिवसेना का ही काम करूंगा। अब जितने लोग बचे हैं हम उनसे ही महाराष्ट्र में शिवसेना बढ़ाएंगे।
शुक्रवार (24 जून, 2022) को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा था कि महाराष्ट्र में जो राजनीतिक परिस्थिति बनी हुई है। वो अब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं है, क़ानूनी लड़ाई भी शुरू हो गई है। पार्टी के कई विधायक असम में रह रहे हैं, उनके खिलाफ हमने क़ानूनी कार्रवाई शुरू की है।