महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद एयरपोर्ट का नाम बदल कर छत्रपति संभाजी महाराज एयरपोर्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। इस मौके पर महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन (शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी) राज्य के लोगों से किए गए वादों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी बीच महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भाजपा ने कुछ दिन पहले ही मांग की थी इस जिले का नाम बदल कर संभाजी नगर कर दिया जाए। इसके बाद जिला प्रशासन ने रेलवे और भारतीय डाक सहित विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शहर का नाम बदलने की अपनी पार्टी की मांग को पिछले हफ्ते दोहराया था। साथ में, शिवसेना ने भी दावा किया था कि पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बालासाहेब ठाकरे 25 साल पहले यह कर चुके हैं। इस पर कार्यवाहक कलेक्टर भानूदास पालवे ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर औरंगाबाद का नाम बदलने के लिए जिला प्रशासन से रेलवे और डाक विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने को कहा। पालवे ने कहा कि जैसे ही हमें दस्तावेज मिलते हैं, हम उन्हें उच्च अधिकारियों को भेज देंगे।
हम औरंगजेब की नहीं, छत्रपति शिवाजी और संभाजी के वंशज- चंद्रकांत पाटिल: महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पिछले हफ्ते औरंगाबाद नगरपालिका में भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा था कि हम छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज के वंशज हैं, न कि औरंगजेब के। इसलिए सारी अड़चनों को दूर कर औरंगाबाद का नाम जल्द से जल्द बदल कर संभाजी नगर करना चाहिए।
25 साल पहले शिवसेना ने की थी औरंगाबाद का नाम बदलने की मांगः गौरतलब है कि करीब 25 साल पहले महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में शामिल शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम बदलने की मांग उठाई थी। जून 1995 में औरंगाबाद नगरपालिका की जनरल बॉडी मीटिंग में इसको लेकर एक प्रस्ताव भी पास हुआ था। हालांकि, कांग्रेस के एक कॉरपोरेटर ने इसे पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
