महाराष्ट्र सरकार ने कोविड इलाज में लगे सरकारी रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए बड़ा ऐलान किया है। उद्धव सरकार ने फैसला किया है कि इन डॉक्टरों को स्पेशल इंसेंटिव के तौर पर 1.21 लाख रुपये दिए जाएंगे। इस लिस्ट में म्युनिसिपल कारपोरेशन के डॉक्टर भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र सरकार की इस घोषणा से प्रदेश में कार्यरत हजारों डॉक्टरों को लाभ मिलेगा। सरकार ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है। हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार 6 अक्टूबर को पारित सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, सरकारी और नगरपालिका मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ सरकारी आयुर्वेद कॉलेजों के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को 1.21 लाख रुपये दिए जाएंगे। यह राशि दो किस्तों में डॉक्टरों को दी जाएगी। पहली किस्त नवंबर में और दूसरी किस्त मार्च 2022 में डॉक्टरों को मिलेगी।
सेंट्रल एमएआरडी के उपाध्यक्ष डॉ प्रणव जाधव ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान निदेशालय की त्वरित प्रतिक्रिया से खुश हैं। यह पहली बार है कि बैठक के दो दिनों के भीतर जीआर पारित किया गया है।
एमएआरडी ने इन्हीं सब मांगों को लेकर 2 अक्टूबर को हड़ताल शुरू की थी। हड़ताल के दो दिनों बाद 4 अक्टूबर को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इनके साथ बैठक की और मांगों पर सुझाव करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद हड़ताल को वापस ले लिया गया था। एमएआरडी ने तीन प्राथमिक मांगें रखी थीं – महामारी के दौरान शैक्षणिक शुल्क की छूट, स्टाइपेंड पर टैक्स की कटौती और छात्रावासों का बेहतर रखरखाव।
बैठक के बाद एमएआरडी ने मीडिया से कहा था कि तकनीकी कारणों से शुल्क माफी संभव नहीं है। हालांकि, राज्य ने इस मुद्दे पर क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने का फैसला किया है। जिसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने डॉक्टरों के लिए ये घोषणाएं की हैं। सरकार की इस घोषणा पर रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुशी जाहिर की है।
इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश में कोरोना के इलाज में और बेहतर सुविधा के लिए कलंबोली और कांजुरमार्ग में सिडको द्वारा विकसित दो स्वास्थ्य केंद्रों का उद्घाटन किया। प्रदेश में कोरोना के मामले अभी कम आ रहे हैं, हालांकि सरकार अभी भी सतर्क ही दिख रही है।