लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को महाराष्ट्र में बड़ा झटका लगा है। पार्टी के दिग्गज नेता और तीन बार विधायक रहे बाबा सिद्दीकी ने गुरुवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। चर्चा है कि बाबा सिद्दीकी अगले हफ्ते एनसीपी के अजित पवार गुट में शामिल हो सकते हैं। एनसीपी नेताओं ने इसकी पुष्टि भी की है। हालांकि सिद्दीकी की तरफ से इस पर अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।

बाबा सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर बताया कि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बाबा सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मैं किशोरावस्था में कांग्रेस से जुड़ा था और बीते 48 साल की यह यात्रा बेहद अहम रही। आज मैं तुरंत प्रभाव से कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं लेकिन जैसा कहा जाता है कि कुछ बातें अनकही रहें तो अच्छा है।”

इससे पहले बाबा सिद्दीकी और उनके विधायक बेटे जीशान ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार से मुलाकात की थी और अपनी अगली रणनीति पर चर्चा की थी। फिलहाल, साफ नहीं है कि बाबा सिद्दीकी ने 48 साल बाद कांग्रेस को अलविदा क्यों कहा। खास बात है कि यह सियासी घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब कांग्रेस महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन INDIA के दलों के साथ सीट शेयरिंग पर बात कर रही है। सिद्दीकी के बेटे और विधायक जीशान भी कांग्रेस से जल्द इस्तीफा दे सकते हैं। उन्हें लेकर भी कहा जा रहा है कि वह एनसीपी का दामन थाम सकते हैं।

बाबा सिद्दीकी का अजित पवार गुट में शामिल होना इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि भाजपा द्वारा पूर्व मंत्री नवाब मलिक को मुख्यधारा की एनसीपी में शामिल करने के बाद पार्टी को मुंबई में एक मुस्लिम चेहरे की जरूरत है।

कौन हैं बाबा सिद्दीकी?

बाबा सिद्दीकी बांद्रा (वांड्रे) पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक हैं। वह 1999, 2004 और 2009 में बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। बाबा खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री के साथ-साथ महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण के मुंबई डिवीजन के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने एक छात्र नेता के रूप में शुरुआत की और पहली बार बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद के रूप में चुने गए।