Maharashtra Elections 2019 से ठीक पहले शिवसेना को तगड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि कल्याण (ईस्ट) सीट पर प्रत्याशी को लेकर पार्टी में नाराजगी है। ऐसे में 28 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, 300 कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ दी है। बता दें कि सीट शेयरिंग एग्रीमेंट के तहत कल्याण (ईस्ट) सीट बीजेपी के गणपत गायकवाड़ को दी गई है, जिन्हें एनडीए का प्रत्याशी बनाया गया है। गायकवाड़ 2 बार लगातार विधायक बन चुके हैं।

पार्टी में नाराजगी: जानकारी के मुताबिक, कल्याण पूर्व बीजेपी के खाते में जाने से शिवसेना कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। उनका कहना है कि गायकवाड़ ने क्षेत्र में काफी कम काम किया। ऐसे में कार्यकर्ताओं और पार्षदों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सीटों के बंटवारे से वे खुश नहीं हैं।

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कार्यकर्ताओं की यह है डिमांड: शिवसेना कार्यकर्ताओं की मांग है कि कल्याण पूर्व सीट पर धनंजय बोदरे को प्रत्याशी बनाया जाए। धनंजय इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और शिवसेना के साथ करीब 27 साल से जुड़े हुए हैं। गायकवाड़ को बीजेपी-शिवसेना गठबंधन का प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद धनंजय ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अब वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कल्याण पूर्व सीट उतर गए हैं।

शिवसेना नेता ने कही यह बात: कल्याण (पूर्व) सीट से शिवसेना नेता शरद पाटिल ने कहा, ‘‘गायकवाड़ इस सीट पर वर्तमान विधायक हैं, लेकिन उन्होंने क्षेत्र में कुछ भी काम नहीं कराया। जब वह काम कराने में विफल साबित हुए तो हमें लगा कि गठबंधन अन्य प्रत्याशी को मौका देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में हम सबने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और चुनाव में धनंजय का समर्थन करेंगे।’’

कड़ी मशक्कत के बाद हुआ था बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन: बता दें कि कई हफ्ते तक नाराजगी रहने के बाद बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन हुआ था। शुरुआत में शिवसेना बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी, लेकिन बाद में 288 सीटों में से 124 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गई। वहीं, बीजेपी 164 सीटों पर मैदान में उतरेगी।

गठबंधन पर उद्धव ठाकरे की यह थी राय: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गठबंधन पर कहा था कि उनकी पार्टी ने बंटवारे में बीजेपी को सीटें इसलिए ज्यादा दीं, क्योंकि वह सत्ता में रहना चाहती है। हालांकि, उन्होंने भी कहा कि चुनाव के बाद विधानसभा में शिवसेना के विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी।

2014 में यह था समीकरण: बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने उस वक्त 122 सीटें जीती थीं, जबकि शिवसेना 63 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। चुनाव के बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लिया और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।