महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बच पाएगी या नहीं इस पर संशय बन गया है। वहीं शिवसेना प्रक्तता किशोर तिवारी बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सत्ता को छोड़ सकते हैं, लेकिन एकनाथ शिंदे को नहीं। वहीं राजनीतिक विश्लेषक अजय आलोक ने शिवसेना प्रवक्ता से पालघर और सावरकर को लेकर कई सवाल पूछे।
शिवसेना प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा कि बीजेपी ने हमारा बहुत अपमान किया। बीजेपी शिवसेना को खत्म करने जा रही थी। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे की शर्तों का सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे जितने उद्वव ठाकरे के करीब हैं, इतने करीब वो किसी के नहीं हैं। एकनाथ शिंदे ने जो भी कहा है उसको हम गंभीरता से लेंगे।
राजनीतिक विश्लेषक अजय आलोक ने कहा कि शिवसेना के 55 विधायक हैं। ये सभी विधायक एनसीपी और कांग्रेस खिलाफ जीतकर आए थे। और उनका कैडर वोट जो है वो हिंदुत्व की लाइन को टच करता है। उन्होंने कहा कि सत्ता पाने के लालच में महाअघाड़ी गठबंधन का निर्माण हुआ और उद्वव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन उन्होंने अपने अस्तित्व को ही नकार दिया। जिस अस्तित्व के लिए शिवसेना जानी जाती थी। ये कहीं न कहीं जमीन से जुड़े हुए नेताओं को परेशान करता होगा, क्योंकि उनको चुनाव में फिर दोबारा जाना होगा। किस मुंह से आप हिंदुत्व का नाम लेंगे।
उन्होंने कहा कि सावरकर को गाली देने वाले को शिवसेना राज्यसभा भेज रही है तो किस मुंह से आप सवारकर का गुणगान करेंगे। पालघर में साधुओं के साथ जो हुआ उस पर शिवसेना की चुप्पी। नवनीत राणा हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं तो जेल हो जाती है। किस मुंह से आप कैडर को समझाएंगे। उन्होंने कहा कि जो जमीन से जुड़ा हुआ व्यक्ति है उसको दिक्कत है, क्योंकि उसको आगे की राजनीति करनी है।
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विद्रोही मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ फोन पर करीब 10 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उनसे अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा, लेकिन मीडिया सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे की कोशिशों से कोई सफलता नहीं मिली। इससे पहले शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर और रवि पाठक गुजरात के सूरत में ली मेरिडियन होटल में पार्टी के बगावत करने वाले नेताओं से मुलाकात की और उन्हें मनाने का प्रयास किया। दोनों नेता शिंदे से मुलाकात के बाद मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं।