प्लोर टेस्ट पास करने के बाद महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी पद के लिए कुछ नहीं किया। मेरे साथ बुरा सलूक किया। मैं बुरे बर्ताव को बर्दाश्त नहीं कर पाया। मुझे बदनाम किया गया। एक तरफ मुझे पद से हटा दिया गया। दूसरी तरफ मुझे मनाने के लिए लोगों को भेजा गया। उन्होंने कहा कि मुझे फोन आने लगे, लोग मेरे साथ चलने लगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को सदन के दो दिवसीय विशेष सत्र के अंतिम दिन राज्य विधानसभा में महत्वपूर्ण शक्ति परीक्षण में जीत हासिल की। 288 सदस्यीय सदन में164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जबकि 99 ने इसके खिलाफ मतदान किया। तीन विधायक वोटिंग से दूर रहे, जबकि कांग्रेस के अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार समेत 21 विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहे।
विधनासभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने घोषणा की कि विश्वास मत बहुमत से हुआ। हाल ही में शिवसेना के एक विधायक की मृत्यु के बाद, विधानसभा की वर्तमान संख्या घटकर 287 हो गई, इस प्रकार बहुमत का आंकड़ा 144 हो गया। पिछले महीने एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह शुरू किया था। अधिकांश विधायकों ने उनका साथ दिया, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। ठाकरे के पद छोड़ने के एक दिन बाद शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने कहा था कि मैं वापस आऊंगा। लेकिन जब मैंने ऐसा कहा तो कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया। मैं आज वापस आया हूं और एकनाथ शिंदे को अपने साथ लाया हूं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वो उन लोगों से बदला नहीं लेंगे जिन्होंने तब उनका मजाक उड़ाया था। फडनवीस इस दौरान लीक से हटकर भी बोले। उनका कहना था कि राजनीति में विरोधियों की आवाज सुनने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। हमने देखा कि सोशल मीडिया पर बयान देने और पोस्ट करने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया गया। हमें उचित तरीके सेआलोचना का जवाब देना चाहिए।