महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन लगाकर बुलंदशहर में हुई दो साधुओं की हत्या पर चिंता जताई है। उद्धव ने यह फोन मंगलवार को लगाया था। इसमें उन्होंने योगी से कहा, “जिस तरह हमने इसी तरह के एक मामले (पालघर लिंचिंग केस) में कड़ी कार्रवाई की, उम्मीद करते हैं कि आप भी उसी तरह आरोपियों को न्याय के कटघरे पर खड़ा करेंगे।” ठाकरे ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित पगुआना गांव में हाल ही में दो साधुओं की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या की गई थी। यह घटना महाराष्ट्र के पालघर में हुई साधुओं की मॉब लिंचिंग के बाद हुई है। योगी आदित्यनाथ ने पालघर हिंसा को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे को फोन किया था और वाकये पर चिंता जाहिर की थी। माना जा रहा है कि उद्धव ने भी बदले में ही बुलंदशहर की घटना पर योगी को फोन कर रिटर्न फेवर दिया है।
महाराष्ट्र सरकार ने पालघर पर क्या कार्रवाई की?
पालघर जिले में 16 अप्रैल को दो साधुओं और एक व्यक्ति की मॉब लिंचिंग पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी महा विकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने उद्धव से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था। महाराष्ट्र की शिवसेना नीत सरकार ने इसके बाद 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हालांकि, इस पूरे मामले में किसी सांप्रदायिक एंगल को नकार दिया था।
बुलंदशहर की घटना पर उद्धव के साथ-साथ शिवसेना की प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा, “पालघर मामले में जो आवाजें न्याय की मांग कर रही थीं, इस्तीफे मांग रही थीं, वे अचानक शांत हो गई हैं। शायद उनकी तबियत ठीक नहीं है या उन्होंने अपनी जुबान पर ताले लगा लिए हैं। या शायद उन्हें आज की खबर ही नहीं पता।”
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी साधुओं की हत्या की घटना को परेशान करने वाला करार दिया। उन्होंने ट्वीट में कहा, “हमें भरोसा है कि यूपी के सीएम उसी तरह कार्रवाई करेंगे, जिस तरह हमने पालघर मामले में की। हम उम्मीद करते हैं कि जिन्होंने पालघर मामले में भड़काऊ सांप्रदायिक भाषण दिए, वे अपनी प्रवृत्तियों पर रोक लगाएंगे।”
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “भयानक! उत्तर प्रदेश में मंदिर में दो साधुओं की हत्या, लेकिन मैं सबसे यही अपील करता हूं कि इसे सांप्रदायिक बनाने की कोशिश न करें, जैसे पालघर की घटना को बनाने की कोशिश की गई।”