सोमवार को किसानों के समर्थन में महाराष्ट्र में बंद का आह्वान किया गया था। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन ने इस राज्यव्यापी बंद को बुलाया था। इस दौरान महाराष्ट्र में सड़कें सूनसान और बाजार बंद दिखाई दिए।

महाराष्ट्र में बंद के दौरान एक अजीब ही वाक्या देखने को मिला। शिवसेना-एनसीपी के कार्यकर्ता बंद के समर्थन में रैली निकाल रहे थे। इस दौरान उन्होंने ‘केंद्र सरकार की जय हो’ के नारे लगाने लगे। यानि जिस सरकार के विरोध में राज्य बंद हुआ, उसी के जयकारे इस रैली में सुनाई दे रहे हैं।

इस रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में शरद पवार की पार्टी एनसीपी और उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के पटके पहने हुए कार्यकर्ता दिखाई दे रहे हैं। वीडियो उस्मानाबाद का बताया जा रहा है। रैली में कार्यकर्ताओं की संख्या अच्छी खासी दिख रही है।

ये रैली सड़क पर गुजर रही होती है, तभी रैली में से केंद्र के जयकारे लगने की आवाज सुनाई देती है। कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी मामले में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि व्यापक समर्थन के बीच बंद शांतिपूर्वक तरीके से रहा। हालांकि उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा पथराव किए जाने की कुछ घटनाएं भी सामने आई हैं। जो सही नहीं है। किसी को भी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए।

महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार- जिसमें शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल है- तीनों ने रविवार को एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बंद की घोषणा की थी। सोमवार को शिवसेना के कार्यकर्ता ठाणे में सड़कों पर गश्त करते और ऑटो रोकते देखे गए। मुंबई में ज्यादातर बसें सड़कों से नदारद ही रहीं। राज्य सरकार ने रविवार को कहा था कि आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। कृषि उपज मंडी समिति या सब्जी मंडी भी बंद है।

शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई में अपने आवास के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि सोमवार का बंद लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में है। जहां राजनीतिक सत्ता का आनंद लेने वालों द्वारा निर्दोष किसानों की हत्या कर दी गई थी। भाजपा के व्यापारी संघ के विरोध और कुछ नेताओं द्वारा बंद को विफल करने की धमकी पर राउत ने कहा कि मैं उन्हें सड़क पर आने और अपना रुख घोषित करने की चुनौती देता हूं। अगर कोई बंद का विरोध करने की कोशिश करता है तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।