23 नवंबर को सामने आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति गठबंधन ने बंपर जीत हासिल की है। महायुति ने 230 सीटों पर विजय पताका फहराई है जिसमें से 132 सीटें अकेले बीजेपी ने जीती हैं। जीत के बाद गठबंधन के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार में से मुख्यमंत्री किसे बनाया जाये। हालांकि, इन तीनों में पलड़ा फडणवीस का ही भारी है और उन्हें ही सीएम बनाने पर चर्चा चल रही है।

महाराष्ट्र में नई महायुति सरकार का नेतृत्व कौन करेगा इस पर बात करते हुए गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली भाजपा ने राज्य में बिहार मॉडल की संभावना को खारिज कर दिया। शिवसेना के कुछ नेता अपने नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में वापस लाने के लिए दबाव डाल रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा , “बिहार में लागू मॉडल महाराष्ट्र के लिए सही नहीं है । बिहार में भाजपा ने चुनाव से पहले नीतीश कुमार को सीएम बनाने का वादा किया था और उसका सम्मान भी किया। महाराष्ट्र में ऐसी प्रतिबद्धता की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास मजबूत संगठनात्मक आधार और नेतृत्व है। सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी ने चुनाव के बाद शिंदे को सीएम पद पर बनाए रखने की कोई प्रतिबद्धता कभी नहीं जताई। इसके विपरीत, शीर्ष नेतृत्व ने पूरे चुनाव के दौरान यह कहा कि सीएम पर फैसला चुनावी नतीजों के आधार पर होगा।”

बीजेपी ने शिंदे और पवार को बताया अपना फैसला

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली में शिवसेना नेताओं के बीच बढ़ती नाराज़गी अच्छी नहीं। शीर्ष नेतृत्व ने शिंदे और अजित पवार को स्पष्ट रूप से फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री बनाने के अपने फ़ैसले से अवगत करा दिया है। भाजपा राज्य विधानमंडल की बैठक मुंबई में कुछ दिनों में होने की संभावना है, जहां औपचारिक घोषणा की जाएगी।”

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दिल्ली स्थित नेता ने यह भी संकेत दिया कि गतिरोध जल्द ही भाजपा के पक्ष में हल हो जाएगा और यहां तक ​​कि एक संयुक्त विधायी बैठक की संभावना की ओर भी इशारा किया जहां भाजपा, शिवसेना और एनसीपी फडणवीस की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे।

बीजेपी इस बार सीएम पद छोड़ने को तैयार नहीं

सोमवार को शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने मुख्यमंत्री पद के लिए “बिहार पैटर्न” लागू करने और एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनने की मांग की थी। हालांकि, भाजपा फडणवीस पर अड़ी है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “132 सीटों के जनादेश के साथ, सीएम पद छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है। पार्टी ने एक बार इसकी कीमत चुकाई थी, जब 2022 में शिंदे को समायोजित करने के लिए फडणवीस को सीएम पद छोड़ना पड़ा था।”

एकनाथ शिंदे को खुश करने की कोशिश

भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व एकनाथ शिंदे को राज्य में अच्छे विभागों के अलावा केंद्र में भी भूमिका देकर उन्हें खुश करने की कोशिश कर रहा है। इस बीच, शिंदे ने सोमवार रात एक्स पर एक पोस्ट में इस मुद्दे को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने पोस्ट किया, “महायुति की शानदार जीत के बाद, राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी। महायुति के तौर पर हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और आज भी साथ हैं। मेरे प्रति प्यार के चलते कुछ लोगों ने सभी से मुंबई में इकट्ठा होने की अपील की है। मैं आपके प्यार के लिए दिल से आभारी हूं। लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी इस तरह से मेरे समर्थन में इकट्ठा न हो।”

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महायुति में नहीं कोई मतभेद

इसी सुर में सुर मिलाते हुए वरिष्ठ शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय “सभी को स्वीकार्य होगा”। केसरकर ने कहा, “हर पार्टी को लगता है कि सीएम उनकी तरफ से होना चाहिए, लेकिन तीनों पार्टियों के नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह जो भी फैसला लेंगे, वह सभी को स्वीकार्य होगा। शिंदेजी नाराज़ नहीं हैं और महायुति सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है।”

इस बीच, केंद्रीय मंत्री और एनडीए की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख रामदास अठावले ने शिंदे को सलाह दी कि वह ‘एक तरफ हट जाएं’ और फडणवीस को मुख्यमंत्री की भूमिका संभालने दें।

बिहार पैटर्न महाराष्ट्र में लागू नही हो सकता

अठावले ने कहा, “शिंदेजी और उनकी पार्टी को लगता है कि उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए और बिहार पैटर्न को महाराष्ट्र में लागू किया जाना चाहिए लेकिन महाराष्ट्र में स्थिति अलग है और बिहार पैटर्न को लागू नहीं किया जा सकता। मुझे लगता है कि उन्हें (शिंदे) राज्य सरकार का हिस्सा होना चाहिए और उपमुख्यमंत्री बनना चाहिए। अगर वह उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं, तो वह गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदीजी से बात करने के बाद दिल्ली में केंद्रीय मंत्री बन सकते हैं।”

वही, दूसरी ओर राज्य में बीजेपी यूनिट के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि महाराष्ट्र में छह महीने पहले लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान झेलने के बाद बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने हारी हुई बाजी को कैसे जीत में बदल दिया। पढ़ें पूरी खबर- महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष ने बताया छह महीने में कैसे पलटी बाजी?