मध्य प्रदेश के कोलारस विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में 5,500 से ज्यादा मृत वोटर्स के नाम मिले हैं। इसके अलावा 1,900 के नाम सूची में कई बार दर्ज हैं। इस सीट पर इसी साल 24 फरवरी को उपचुनाव हुए थे। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) द्वारा चुनाव आयोग (EC) को भेजे गए पत्र में इस बात का खुलासा हुआ है। CEO सलीना सिंह ने इस लापरवाही के लिए जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि उपचुनाव के समय, मतदाता सूची में 5,537 मृत वोटर्स के नाम दर्ज थे और 1,918 नामों की कई बार एंट्री की गई थी।
पत्र में कहा गया है कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) और इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) ने काम पर ध्यान नहीं दिया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने ठीक से मॉनिटरिंग नहीं की। सिंह ने कहा कि अगर कलेक्टर और DEO ने लगातार मतदाता सूची की समीक्षा की होती, विशेषकर उपचुनाव से पहले, तो बड़ी संख्या में मृत वोटरों का नाम दर्ज नहीं होता।
CEO ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसा लगता है कि कलेक्टर और DEO ने मतदाता सूची की समीक्षा नहीं की है। इस पत्र की एक कॉपी एंटी-करप्शन एक्टिविस्ट अजय दुबे द्वारा दायर की गई आरटीआई अप्लिकेशन के जवाब में सौंपी गई है। दुबे ने शिवपुरी के कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ”राज्य में वोटर्स लिस्ट में गड़बड़ियों की शिकायतें आई हैं। हम निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए चुनाव आयोग से त्वरित कार्रवाई की मांग करेंगे।”
28 फरवरी को आए कोलारस उपुचनाव के नतीजों में कांग्रेस के महेंद्र यादव को विजेता घोषित किया गया था। यादव को 82,515 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के देवेंद्र जैन को 74,432 वोट प्राप्त हुए थे। मार्च में मुख्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा शिवपुरी के कलेक्टर तरुण राठी को पत्र लिखकर मतदाता सूची में गड़बड़ियों पर सफाई मांगी थी। चुनाव आयोग ने कलेक्टर और DEO से जवाब तलब किया है।
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने हाल ही में इंदौर में कहा था कि मतदाता सूची में गड़बड़ियां विधानसभा चुनाव से पहले दूर कर ली जाएंगी।