मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। ये लोग अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे और उसी के जरिए आईएसआई को खुफिया सूचनाएं साझा करते थे। गिरफ्तार आरोपियों में एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य भी है। ध्रुव सक्सेना नाम का यह शख्स बीजेपी आईटी सेल का पदाधिकारी भी रहा है। इस खुलासे ने जांज एजेंसी के होश उड़ा दिए हैं। आरोपी ध्रुव सक्सेना छतरपुर शहर की छत्रशाल नगर कॉलोनी का रहने वाला है, उसकी मां एक कवियत्री हैं जो छतरपुर ITI में कार्यरत हैं। पिता आनंद मोहन सक्सेना कलेक्ट्रेट में बाबू थे। ध्रुव ने छतरपुर के सेन्ट्रल स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद वह भोपाल पढ़ाई करने चला गया था, जहाँ NRI कॉलेज से उसने BE किया। इंजीनियरिंग करने के बाद ध्रुव और उसका बड़ा भाई मयंक सक्सेना दोनों मिलकर एक कॉल सेंटर चलाते थे। बाद में इन्होंने साल 2009 में एक कंपनी (Vocal Heart Infotech Private Limited) बनाई, इसके बाद कारवां बढ़ता ही गया।
छतरपुर में जब ध्रुव की मां रजनी सक्सेना से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि मेरे इंजीनियर बेटे को झूठा फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि यह सच है कि उसकी मोहित अग्रवाल से बात होती थी इसलिए उसी कॉल डिटेल के आधार पर उसे फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि वह निर्दोष है उसने कुछ नहीं किया, वह तो भाजपा का कार्यकर्ता है और भोपाल में युवा मोर्चा की IT सेल का संयोजक है। ध्रुव सक्सेना का बचपन छतरपुर में ही गुजरा और उसकी प्रारंभिक से 12वीं तक की पढ़ाई छतरपुर में ही हुई। भोपाल जाने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर उसने खुद की कंपनी बनाकर कॉल सेंटर खोला। इसी दौरान प्रदेश की सत्ताधारी भाजपा पार्टी में उसकी पैठ बढ़ी और वह IT सेल का काम देखने लगा। छतरपुर समेत अन्य जगहों के भाजपा नेता उससे अक्सर संपर्क में रहते थे।


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तान से संचालित जासूसी और हवाला कारोबार से जुड़े सतना के बलराम सहित ग्वालियर से पांच, भोपाल से तीन और जबलपुर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नंवबर 2016 में जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आरएस पुरा सेक्टर में सतविंदर सिंह और दादू नाम के दो व्यक्तियों को सुरक्षा प्रतिष्ठानों की तस्वीरें लेने के दौरान गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियों द्वारा इन दोनों से पूछताछ के बाद मध्य प्रदेश एटीएस ने ये गिरफ्तारी की है। ये लोग पाकिस्तान में बैठे लोगों द्वारा संचालित इस गिरोह के लिये देश में हवाला करोबार के जरिये धन और अन्य सुविधायें उपलब्ध कराता था।

डीजीपी आर के शुक्ला ने मध्य प्रदेश एटीएस द्वारा इस गिरफ्तारी और गिरोह के भांडाफोड़ को एक बड़ी सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि इस गिरोह के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इटेलीजेंस (आईएसआई) से जुड़े होने की जानकारी मिली है। शुक्ला ने बताया कि इस गिरोह के सभी 11 सदस्य एक्सचेंज के माध्यम से रुपये ट्रांसफर करते थे। ये लोग इंटरनेट के माध्यम से एक समानांतर टेलीफोन एक्सचेंज बना कर हवाला के कारोबार में पाकिस्तान से जुड़े थे। इसके अलावा एक्सचेंज के माध्यम से ही जासूसी कर देश की गोपनीय जानकारी भेजते थे।

