राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) को अपने बयान पर कोई पछतावा नहीं है। उज्जैन में मीडिया से बात करते हुए कालीचरण महाराज ने कहा, “मैं अपने बयान पर कायम हूं।” कालीचरण महाराज ने कहा कि जिस व्यक्ति ने छत्रपति शिवाजी महाराज को, गुरु गोविंद सिंह जी को, राणा प्रताप जी महाराज को पथभ्रष्ट कहा, उस व्यक्ति से मैं नफरत करता हूं।

महात्मा गांधी को लेकर आपत्तिजनक बयान पर कालीचरण ने कहा, “मेरे विचार जो थे, वे सोच समझकर बोले गए हैं और इसका मुझे कोई पश्चाताप नहीं है।” रायपुर धर्म संसद में महात्मा गांधी को अपशब्द कहने वाले कालीचरण जमानत पर बाहर आए हैं। जमानत पर बाहर आते ही कालीचरण ने कहा था कि उनको कलियुग में सच बोलने की सजा मिली है।

इसके पहले, इंदौर में भी मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने बयान पर कायम रहने की बात कही थी। कालीचरण महाराज से पत्रकार ने पूछा कि
क्या उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को कहे अपशब्दों का पछतावा है? इस पर कालीचरण महाराज ने कहा, “मुझे कोई पछतावा नहीं है। मुझे कलयुग में सच बोलने की सजा मिली है।” इंदौर एयरपोर्ट पर कालीचरण के पहुंचने के बाद समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया था।

धर्म संसद ने गांधी को कहे थे अपशब्द

पिछले साल दिसंबर महीने में रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे थे, जिसके बाद जगह-जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कालीचरण के खिलाफ कई पुलिस थानों में मामला दर्ज कराया था।

मध्य प्रदेश से हुई थी कालीचरण की गिरफ्तारी

इस मामले में कालीचरण के खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद कई दिनों तक पुलिस उनको तलाशती रही। इसके बाद मध्य प्रदेश से कालीचरण महाराज को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, धर्म संसद में कालीचरण ने बापू को अपशब्द कहने के साथ ही उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को नमन किया था।