मध्य प्रदेश के बड़े आध्यात्मिक गुरुओं में शामिल रहे भय्यूजी महाराज मंगलवार (12 जून) को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। ये कांड उनके इंदौर स्थित आवास में हुआ है। घटना के बाद उन्हें बांबे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया था, लेकिन उन्होंने कार और अन्य सुविधाएं लेने से इंकार कर दिया था।

अभी आत्महत्या की पुष्टि नहीं: इंदौर रेंज के आईजी मकरंद देउस्कर ने कहा कि प्रथमदृष्टया ये आत्महत्या का मामला है। उनके शरीर के पास से ही पिस्टल और सुसाइड नोट बरामद किया गया है। उनके घर में मौजूद लोग गोली की आवाज सुनकर कमरे की तरफ दौड़े लेकिन कमरा बंद था। दरवाजे को तोड़कर लोग अंदर जा सके। भय्यू जी ने अपने हस्तलिखित सुसाइड नोट में लिखा है,”परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वाह करने वाला भी कोई होना चाहिए। मैं बेहद तनाव में हूं और थक गया हूं।” हालांकि देउस्कर ने इस घटना को आत्महत्या या हत्या करार नहीं दिया। उन्होंने कहा अभी इस संबंध में जांच जारी है।

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भय्यू जी के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा,”मैं संत भय्यू जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। देश ने एक व्यक्ति खोया है जो संस्कृति, ज्ञान और निस्वार्थ सेवा का उदाहरण था।” इस बारे में सिर्फ अटकलें ही हैं कि भय्यू जी तनाव में थे। अस्पताल के बाहर उनके समर्थक बड़ी तादाद में जमा थे।

मामले की हो सीबीआई जांच: विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भय्यू जी की आत्महत्या के लिए प्रदेश में सत्तासीन शिवराज सिंह चौहान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता माणक अग्रवाल ने कहा,”मध्य प्रदेश सरकार उन पर सुविधाएं लेने और उसके बदले समर्थन देने का दबाव बना रही थी। उन्होंने इसे लेने से भी इंकार किया था। वह भारी मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। इस मामले की सीबीआई जांच होनी ही चाहिए।”

कांड से पहले किया था ट्वीट: खुद को गोली मारने से पहले भय्यूजी महाराज ने एक के बाद एक 6 ट्वीट किए थे। अपने आखिरी ट्वीट में उन्होंने लिखा,”मासिक शिवरात्रि को ‘महाशिवरात्रि’ कहते हैं। दोनों पंचांगों में यह चन्द्र मास की नामाकरण प्रथा है, जो इसे अलग-अलग करती है। मैं सभी भक्तगणों को इस पावन दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।” भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह देशमुख था, लेकिन मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में इन्हें लोग भय्यूजी महाराज के नाम से जानते थे। भय्यूजी महाराज एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु थे जो गृहस्थ जीवन जीते हैं। उनकी एक बेटी कुहू है।