रामनवमी के दिन रविवार को मध्य-प्रदेश के खारगोन में हिंसा हुई और इस हिंसा में कई घरों और दुकानों को आग लगा दी गई। मध्य प्रदेश सरकार हिंसा के आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही कर रही है। हिंसा में 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे जिसमें एसपी भी शामिल थे। खरगोन की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक ट्वीट में कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है। इन दंगाइयों की पहचान कर ली गई है और इन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, “फिलहाल खरगोन में शांति है। पर्याप्त पुलिस बल है, लेकिन कर्फ्यू अभी भी जारी है। सभी दंगाइयों की पहचान की जा रही है। एसपी के पैर में गोली लगी है।” मध्ययपदेश के गृहमंत्री नेे दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिस घर से भी पत्थर आए हैं, उस घर को हम पत्थर बना देंगे।
दंगे के आरोपियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने सोमवार को शहर के पांच इलाकों में 16 घरों और 29 दुकानों को तोड़कर अभियान चलाया। तोड़फोड़ सुबह छोटे मोहन टॉकीज इलाके से शुरू हुई, जहां चार अवैध ढांचे को तोड़ा गया। जिसके बाद औरंगपुरा, खासखसवाड़ी, गणेश मंदिर और तालाब चौक इलाकों में तोड़फोड़ अभियान चलाया गया। तालाब चौक वही जगह थी, जहां से रविवार को रामनवमी का जुलूस निकला था और हिंसा बमुश्किल 500 मीटर की दूरी पर शुरू हुई थी।
सोमवार को 45 घरों और दुकानों पर बुल्डोजर चला और तोड़फोड़ हुई और खसखसवाड़ी में सबसे अधिक घरों पर बुल्डोजर चला। 12 घर और 10 दुकानें यहां तोड़ी गईं। खसखसवाड़ी के पीछे स्थित भावसर मोहल्ला उन इलाकों में शामिल है, जहां रविवार को भारी पथराव की घटना हुई। द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट मिलिंद ढोके ने कहा, “अब तक जिन दुकानों और घरों को तोड़ा गया है, वे अतिक्रमण की गई जमीन पर बने अवैध ढांचे हैं। इन इलाकों से पथराव की खबरें आईं जिसके बाद कार्रवाई की गई।”
वहीं इंदौर रेंज के कमिश्नर डॉ पवन कुमार शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अब तक 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनकी अवैध संपत्तियों और अतिक्रमणों को ध्वस्त किया जा रहा है। अब तक 50 स्थानों की पहचान की गई है और कार्रवाई जारी रहेगी।”