देश में हुई नोटबंदी को गरीबों पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार (10 दिसंबर) को कहा कि यह देश में लगे आपातकाल से भी अधिक घातक है और इसने अमीरों और गरीबों के बीच के अंतर को और अधिक बढ़ा दिया है। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के 11 वें राष्ट्रीय महाधिवेशन को यहां सम्बोधित करते हुए विजयन ने कहा, ‘मैंने अपने जीवन में गरीबों पर इतना बड़ा हमला नहीं देखा है, जितना बड़ा अभी नोटबंदी के रूप में हुआ है। कहने को यह कालेधन के खिलाफ हमला है, लेकिन यह हमला गरीबों के खिलाफ है।’ उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के दर्द को हमने और आपने महसूस किया है। यह आपातकाल से अधिक घातक है और इससे अमीरों और गरीबों के बीच के अंतर को और अधिक बढ़ा दिया है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘इस नोटबंदी का दुष्परिणाम औरतें विशेषकर गरीब औरतें ही झेल रही हैं। महिलाओं को मजबूरन बैंकों की कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। इससे मरने वालों में सबसे पहली पीड़ित भी एक महिला ही थी।’
विजयन ने कहा कि लोगों को इसे चुप रहकर इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिये। पूंजीवाद के खिलाफ हमारे संघर्ष को आगे बढ़ाने का यह मौका है। भोपाल के बाहरी इलाके में जेल से फरार हुए आठ सिमी कैदियों को मुठभेड़ में मार गिराने की घटना पर प्रदेश की भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए विजयन ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में फर्जी मुठभेड़ एक आम बात हो गई है। हाल ही में आठ मुस्लिम युवकों जो विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद थे। उनको योजनाबद्ध तरीके से मारा गया है। विजयन ने कहा कि यह एक बड़ा सवाल है कि 2650 कैदियों की क्षमता वाली जेल में 3400 कैदी थे, लेकिन किसी को आठ कैदियों के फरार होने की भनक नहीं लगी और सुरक्षा टॉवर के संतरी भी उस वक्त अनुपस्थित रहे। कैदी जेल के आठ ताले खोलकर और 32 फुट ऊंची दीवार कूदकर भाग निकले और मुठभेड़ के बाद ऑडियों में पुलिस वाला कहता सुनाई दे रहा है कि इनका खेल खत्म हो गया। यह सभी सवालों का अभी तक जवाब नहीं आया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ‘हम कब तक उनको जेल में बंद रखते’ के बयान से भी यह संकेत मिलता है कि यह एक योजनाबद्ध तरीके से किया गया फर्जी मुठभेड़ थी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘फर्जी मुठभेड़ भाजपा शासन में कोई नई बात नहीं है। गुजरात में भी भीषण दंगों के बाद हमने इशरत जहां और सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ की बात सुनी थी। यह मानवाधिकारों का हनन है। यह राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। किसी समुदाय को दुश्मन बना कर राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाना कभी भी देश को मजबूत नहीं कर सकता है और हम इसको मानने को तैयार नहीं होगें।’ उन्होंने कहा कि हमें मालूम है कि इस तरह के अत्याचार इनकी सरकारों में बढ़ेंगे और इससे जनता का गुस्सा भी बढ़ेगा। आने वाले दिनों में भाजपा की सरकारों को जनता के गुस्से को भी सहन करना पड़ेगा। केरल के मुख्यमंत्री ने व्यापमं घोटाले के लिये भी मध्यप्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इसके पीछे बड़े-बड़े लोगों और नेताओं का हाथ है। भाजपा और आरएसएस का प्रचार तंत्र इस घोटाले को पूरी तरह दबाने में लगा है। अधिवेशन को रोहित वेमुला की मां राधिक वेमुला, पूर्व सांसद सुभाषिणी अली, महासचिव जगमती सांगवान, राज्य महासचिव नीना शर्मा ने भी संबोधित किया।

