बरसात के दिनों में आकाशीय बिजली अक्सर जानलेवा साबित होती है। खेतों में काम करने वाले, पेड़ों के नीचे पनाह लेने वाले, तालाब में नहाते समय बिजली चमकने पर इसकी आगोश में आने की संभावना अधिक रहती है। पर कुछ उपाय ऐसे हैं जिससे आकाशीय बिजली से बचा जा सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को सतर्क करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे शेयर लोगों को आगाह किया है।
वीडियो में बताया जा रहा है कि जब आप घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें। ऐसी वस्तुएं जो बिजली के सुचालक हैं उनसे भी दूर रहना चाहिए। वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं। अत बिजली चमकते समय वृक्ष के नीचे न खड़े रहें, ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय न लें समूह में खड़े होने के बजाय अलग- अलग हो जाएं। किसी मकान की मजबूत छत के नीचे में आश्रय लेना बेहतर है।
अगर ऐसा कोई आसरा न मिले तो उकड़ू बनकर बैठ जाएं और कान को हाथों से बंद करके एड़ियों को मजबूती से आपस में जोड़कर बैठे रहें। वज्रपात का खतरा उन लोगों पर सबसे ज्यादा होता है जो मौसम खराब होने पर भी खेतों में काम कर रहे होते, किसी पेड़ के नीचे छुपे होते हैं या फिर नदी तालाब अथवा ऐसे किसी जलाशय में उपस्थित होते हैं।
मध्यप्रदेश में मानसून सक्रिय है और विभिन्न क्षेत्रों में बारिश हो रही है। ऐसे में आकाशीय बिजली से हादसे की आशंका रहती है। इससे बचाव का आसान उपाय इस रोचक वीडियो से @ndmaindia ने बताया है। प्राधिकरण को जागरूकता हेतु धन्यवाद।
ईश्वर सभी नागरिकों को सदैव सुरक्षित रखें। pic.twitter.com/mnYgVYaPcU
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) July 11, 2022
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में स्थिति गंभीर होती जा रही है। अभी तो मानसून शुरू हुआ है और आकाशीय बिजली गिरने से 90 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 2021 के पूरे सीजन में 116 लोगों की मृत्यु हुई थी। यानी कि इस सीजन में वज्रपात और उसका शिकार होने वाले नागरिक दोनों की संख्या बहुत ज्यादा है। सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार बिजली गिरने से 2020 और 2021 के दौरान देश भर में 1697 लोगों की मौत हो चुकी है।
उधर सोशल मीडिया पर अभिषेक सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि बस कमेंटबाजी करनी आती है। एक बार साहब बाढ़ से हुई तबाही देखने गए और फंस गए। तुरंत हेलीकाप्टर मंगवा लिया। उसका भी पैसा शायद ही दिए होगा या जनता के टैक्स से भरा होगा। नर्क का दरवाजा जब भी खुलता है शायद नेता लाइन में सबसे आगे होते होंगे। गरीब मरे उसकी कोई कीमत नही।