मध्य प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे ने बुधवार को राज्य के खेल अकादमियों पर गहरी नाराजगी जताई हैं। उनका कहना है कि राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। वे राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन राज्य की कुछ खेल अकादमी अपने स्तर पर बेहतर नतीजे नहीं दे रही है। इससे उन्हें बनाए रखने से क्या फायदा है? खेल मंत्री ने ऐसे इंस्टिट्यूशंस को बंद कर देने की चेतावनी दी। वह राजधानी भोपाल में विभाग की समीक्षा कर रही थीं।
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन संस्थाओं से अच्छे नतीजे नहीं निकल रहे हैं, उन्हें बंद कर देना ही बेहतर है। उन पर पैसा खर्च करने से अच्छा है कि खिलाड़ियों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। कहा कि सरकार चाहती है कि सभी अकादमियों से अच्छे खिलाड़ी निकलें और राज्य का नाम रोशन करें।
समीक्षा बैठक में खेलमंत्री यशोधरा राजे ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न अकादमी ऑफ एक्सीलेंस संचालित हो रही हैं। कहा कि जब खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उससे पूरे राज्य और देश का नाम बढ़ता है। राज्य के खिलाड़ी नेशनल के साथ इंटरनेशनल लेवल पर भी पहचान बना रहे हैं। यह गर्व की बात है, लेकिन ऐसा काम अधिकतर खिलाड़ी अपने स्तर पर कर रहे हैं। अकादमी उनकी परफार्मेंस को बेहतर बनाने में अपना योगदान नहीं दे पा रही हैं।
खेल मंत्री ने इस दौरान शहर के टीटी नगर स्टेडियम में बन रहे हॉकी अकादमी की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी खेलों का समान विकास हो और खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का भरपूर मौका मिले। यशोधरा राजे ने कहा कि खिलाड़ियों को निखारने के लिए अकादमी में विशेषज्ञ होते हैं, लेकिन अगर वहां अच्छे नतीजे नहीं आ रहे हैं तो जाहिर है कि जिम्मेदारी से काम नहीं किया जा रहा है।
इस दौरान यह भी बताया गया कि मध्य प्रदेश में खिलाड़ियों की डिजिटलाइज्ड मेडिकल फाइल भी बनेगी. इस फाइल में खिलाड़ियों की पर्सनल प्रोफाइल के साथ ब्लड ग्रुप, ब्लड टेस्ट रिपोर्ट, कितने बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए, इंजरी इन सभी रिकॉर्ड्स को मैंटेन किया जाएगा।