मध्यप्रदेश के कॉलेजों में अब रामायण और महाभारत भी पढ़ाया जाएगा। इंजीरियरिंग के छात्रों के लिए भी रामसेतु को सिलेबस में शामिल किया गया है।
राज्य के उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि नए सिलेबस में रामायण, महाभारत और रामचरितमानस को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो कोई भी भगवान राम के चरित्र और समकालीन कार्यों के बारे में सीखना चाहता है, उसके लिए इंजीनियरिंग के सिलेबस में ये जोड़ा गया है।
नए पाठ्यक्रम के अनुसार इस शैक्षणिक सत्र से ‘श्री रामचरितमानस के अनुप्रयुक्त दर्शन’ को वैकल्पिक विषय के रूप में रखा गया है। मध्य प्रदेश के कॉलेजों में फर्स्ट इयर के ग्रेजुएशन के सिलेबस में छात्रों के पास महाभारत, रामचरितमानस के अलावा योग और ध्यान जैसे विषय भी होंगे।
नए पाठ्यक्रम के अनुसार अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को सी राजगोपालचारी के महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अंग्रेजी और हिंदी के अलावा, योग और ध्यान को भी तीसरे फाउंडेशन कोर्स के रूप में रखा गया है, जिसमें ‘ओम ध्यान’ और मंत्रों का पाठ शामिल है।
नए पाठ्यक्रम में भगवान राम पर विशेष जोर दिया गया है। ये भी पढ़ाया जाएगा कि राम अपने पिता के कितने आज्ञाकारी थे। उनका इंजीनियरिंग ज्ञान कितना था, इसके लिए रामसेतु को इंजीनियरिंग के सिलेबस भी शामिल किया गया है। रामचरितमानस के अलावा 24 और वैकल्पिक विषयों को सिलेबस में रखा गया है।
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा- “इन विषयों को छात्रों को जीवन के मूल्यों के बारे में सिखाने और उनके व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए शामिल किया गया है। हम रामचरितमानस और महाभारत से बहुत कुछ सीखते हैं। इससे छात्र सम्मान और मूल्यों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा लेंगे। अब, हम सिर्फ छात्रों को शिक्षित नहीं करना चाहते हैं, बल्कि हम उन्हें महान इंसान के रूप में विकसित करना चाहते हैं।”
Madhya Pradesh | Ramayana, Mahabharata & Ramcharitmanas included in the syllabus of engineering students, says state higher education dept
"Whoever wants to learn about Lord Ram's character & contemporary works can do so in engg courses," says Mohan Yadav, MP Higher Edu Min pic.twitter.com/LMYpMVxMSx
— ANI (@ANI) September 13, 2021
इससे पहले मध्यप्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेज में आरएसएस के विचारों को पढ़ाए का फैसला किया था। एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को मेडिकल एथिक्स के चैप्टर में आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को पढ़ना होगा। मेडिकल के विद्यार्थियों के लिए यह विचार पढ़ना अनिवार्य है और इसके लिए कोई परीक्षा भी आयोजित नहीं की जाएगी।
यह पहली बार नहीं है जब मध्यप्रदेश में पौराणिक कथाओं को पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है। राज्य सरकार ने 2011 में स्कूली छात्रों को गीता पढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन भारी विरोध का सामना करने के बाद इस निर्णय को वापस ले लिया गया था।