Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश को एक बड़ी सौगात मिली। यहां कूनो पार्क में शुक्रवार को आठ चीते लाए गए, लेकिन अब इन चीतों को लेकर राजनीति तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा सरकार चीता इवेंट की जगह कुपोषण दूर करने के लिए कुछ करती तो अच्छा होता।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जिस श्योपुर जिले के कूनो पार्क में कार्यक्रम आयोजित हुआ, वो प्रदेश में कुपोषण के मामले में सालों से शीर्ष पर है। वहां कुपोषण दूर करने पर सरकार कुछ करती। उन्होंने कहा कि गुजरात के गिर से जो शेर मध्यप्रदेश आने थे, उस पर आज ये बात क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पहले तो शेर आने वाले थे, लेकिन जब वो नहीं आए तो चीता ले आए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवतारी पुरुष बताए दाने पर उन्होंने कहा कि शिवराज जी उनको जो भी कहें, जो कुछ भी नामकरण करें। मुझे उस पर कुछ नहीं कहना है। वो उनका मामला है, लेकिन जो तस्वीर है, वो सभी के सामने है।

कुपोषण के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार: ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर कमलनाथ के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुपोषण के लिए कांग्रेस की सरकारें जिम्मेदार हैं। 70 साल में कांग्रेस ने कुपोषण खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया। उनकी सरकार के दौरान सहरिया ,बैगा ,भारिया समुदाय की जनजतीय महिलाओं को दी जाने वाली राशि बंद कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि चीतों के मध्य प्रदेश में आने से विकास और पर्यटन बढेगा।

कांग्रेस चीते लाने में फेल रही: परिवहन मंत्री

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार चीते लाने में फेल रहीं। वो केवल चीते लाने में फोटो खिचवाते रहे। हमारी सरकार चीते लाई। कमलनाथ उस समय के मंत्री जयराम रमेश से पूछे तब क्यों नहीं ला पाए थे चीते।

1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था

बता दें, पीएम मोदी के जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बाड़े में छोड़ा गया। भारत में 70 साल बाद फिर चीते आए। देश में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। इसके बाद शुक्रवार को नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया। केंद्र सरकार की योजना पांच साल में 50 चीतों को हिंदुस्तान में लाने की है।