मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र चल रहा है और 9 मार्च को विधानसभा में बजट पेश होगा। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात कही। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जीतू पटवारी के बयान पर कहा कि ये पार्टी का फैसला नहीं है। राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे ,तो यह सदन की गरिमा के खिलाफ होगा। कमलनाथ के बयान के बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान सामने आई।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने ट्वीट के माध्यम से राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने की बात कही थी। जीतू पटवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, “बेलगाम नौकरशाही, किसान भी हुआ शोषित, घर-घर पहुंची सस्ती शराब, सबसे ज्यादा गौहत्याएं मप्र में,जन-जन को बना दिया कर्जदार। शिवराज सिंह चौहान जी, जन/प्रदेशहित में मैं राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा हूं, क्योंकि, चिर निंद्रा में सोई भाजपा सरकार को जगाना जरूरी है।”
जीतू पटवारी के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि राज्यपाल के अभिभाषण में हिस्सा ना लेना सदन की गरिमा के खिलाफ है, यह पार्टी का फैसला नहीं है। कमलनाथ के बयान के बाद जीतू पटवारी ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि, “मैं अभी भी अपने निर्णय पर कायम हूं। प्रदेश की अराजक भाजपा सरकार के अभिभाषण का विरोध करता हूं। कमलनाथ जी मेरे नेता है और रहेंगे। मेरा ध्येय कांग्रेस को मजबूत बनाना, लूट की सरकार को हटाना और कमलनाथ जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है। यह प्रयास सदैव चलता रहेगा।”
सदन में विधायकों को कम समय मिलने पर जीतू पटवारी भड़के: वहीं विधानसभा में विधायकों को कम समय मिलने पर भी जीतू पटवारी बीजेपी पर भड़क उठे। उन्होंने मीडिया से कहा कि, “पिछले 2 सालों में केवल 28 दिन सदन चला है जिसमें से 14 दिन केवल किसी को श्रद्धांजलि देने में और राज्यपाल के अभिभाषण में या बजट पेश करने में बीत गए। बचे हुए 14 दिन में केवल 82 घंटे सदन चला है और इसमें केवल एक विधायक को औसतन ढाई से तीन मिनट अपनी बात रखने के लिए मिला है। मैं मानता हूं कि यह संसदीय परंपरा के लिए संक्रमण काल है।”
बता दें कि सोमवार से मध्यप्रदेश में विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो गई। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सदन में अभिभाषण दिया। इस दौरान राज्यपाल ने राज्य सरकार की जमकर तारीफ की। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन स्थगित हो गया। 7 मार्च से 25 मार्च तक मध्यप्रदेश का विधानसभा सत्र चलेगा। कोरोना काल में पहली बार इतना लंबा सत्र चल रहा है।