मध्य प्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के भिंड ज़िले के एक ढाबे पर खाना बनाने वाले 30 वर्षीय रविंदर सिंह चौहान को 46 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स का नोटिस मिला है। आयकर नोटिस मिलने के बाद रविंदर चौहान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। रविंदर चौहान ने कहा कि मैं एक ढाबे पर काम करता हूं। मेरे खाते में साल भर में 3 लाख रुपये का भी लेन-देन नहीं होता।
पुलिस में की गई शिकायत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें शिकायत मिली है और हम आगे की कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।” वहीं रविंदर के वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया ने दावा किया कि नवंबर 2019 में जब चौहान ग्वालियर बाईपास पर एक टोल प्लाजा पर मेस हेल्पर के रूप में काम कर रहे थे, तो उनके सुपरवाइजर ने उन्हें अपने भविष्य निधि (PF) में मदद के लिए अपने बैंक विवरण और आधार कार्ड का विवरण देने को कहा था।
रविंदर चौहान ने अपने बैंक विवरण साझा करने के कारण के बारे में बताते हुए कहा, “परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण मुझे छठी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा।” रविंदर चौहान ने दावा किया कि आठ महीने बिना किसी पीएफ राशि या प्रोत्साहन राशि के बीत गए और वह बैंक खाता बंद नहीं कर पाए। टोल प्लाज़ा का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने पर 2023 में उनकी नौकरी चली गई, जिससे उन्हें पुणे में काम ढूंढना पड़ा।
अंग्रेजी नहीं समझ पाए पीड़ित
रविंदर चौहान के घर पर पहला आयकर नोटिस 9 अप्रैल, 2025 को अंग्रेजी में आया। न तो वह और न ही उनकी पत्नी इसे समझ पाए, इसलिए उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। जब 25 जुलाई को दूसरा नोटिस आया, तो रविंदर चौहान ने इसकी जांच करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “मैं पुणे से वापस आया ताकि पता लगा सकूं कि इसमें क्या था।”
क्या बताई वजह?
आयकर विभाग की ग्वालियर शाखा ने अपने नोटिस में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 46,18,32,916 रुपये का टैक्स योग्य इनकम टैक्स निर्धारण से बच गया है, जो कि टैक्स असेसमेंट ईयर वर्ष 2021-22 से संबंधित है। इसलिए टैक्सपेयर का मामला नोटिस जारी करने के लिए उपयुक्त पाया गया है।”
अपने वकील के साथ एक महीने से ज़्यादा समय तक काम करते हुए रविंदर चौहान ने कहा कि उन्हें समझ आ गया है कि कथित तौर पर क्या हुआ था। उन्होंने दावा किया, “सात साल पहले खोले गए खाते का लगातार बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया गया था। मैंने इसे बंद करने के लिए कहा, उसके बाद भी कोई इसका इस्तेमाल करता रहा। मैंने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन वे कह रहे हैं कि अपराध दिल्ली में हुआ है, इसलिए मुझे वहीं शिकायत दर्ज करानी चाहिए।”