मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government) ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने के आरोपों के बाद दमोह (Damoh) के एक निजी स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी है। 31 मई को मध्य प्रदेश सरकार ने जिले के एक निजी स्कूल की वर्दी पर विवाद के बाद जांच का आदेश दिया था।
सरकार के पत्र में कहा गया है, “प्रथम दृष्टया शर्तों और दायित्वों और समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन न करने के परिणामस्वरूप स्कूल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने शुक्रवार को छतरपुर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में छात्राओं को सिर पर दुपट्टा पहनने के लिए मजबूर करने वाले स्कूल को राज्य में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मुझे बताया गया कि दमोह में लड़कियों को स्कार्फ पहनकर स्कूल आने के लिए कहा गया था। वे देश के बंटवारे की बात करने वाले एक शख्स की शायरी भी पढ़ा रहे थे। मैं आपको चेतावनी देना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में ऐसी चीजों (संस्थाओं) को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सरकार द्वारा बनाई गई शिक्षा नीति का पालन ही किया जाएगा और अगर कोई गलत पढ़ाता है या किसी बेटी को जबरन दुपट्टा पहनाया जाता है तो ऐसा स्कूल मध्य प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा।”
दमोह के जिला शिक्षा अधिकारी ने शुक्रवार को गैर सरकारी शिक्षण संस्थान गंगा जमुना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को निरीक्षण के बाद एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया है कि “यह बताया गया है कि मान्यता नियम 2017 और मान्यता संशोधन में निर्धारित मानदंड का उल्लेख किया गया है, उसके अनुसार स्कूल में नियम 2020 का पालन नहीं किया जा रहा था।”
पत्र में कहा गया है कि विद्यालय में उचित पुस्तकालय, भौतिक विज्ञान/रसायन विज्ञान की उचित प्रायोगिक सामग्री, विद्यालय में पंजीकृत 1,208 बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की समुचित व्यवस्था एवं शुद्ध पेयजल का अभाव है। इसके अलावा भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान के प्रयोगशाला के अलग-अलग कक्षों में पुराने फर्नीचर का भी प्रयोग किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया शर्तों और दायित्वों और समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन न करने के परिणामस्वरूप स्कूल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”