भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) की भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मध्य प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रचारक सुनील जोशी मर्डर केस को दोबारा खोलने जा रही है। इस केस में साध्वी प्रज्ञा भी आरोपी हैं।

आरएसएस के प्रचारक सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 में देवास इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस थाने के पास हत्या कर दी गई थी। मामले में राजस्थान से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने साध्वी प्रज्ञा समेत सात अन्य लोगों के नाम उजागर किए थे। हालांकि सभी आरोपियों को एक फरवरी 2017 को सबूतों के अभाव में आरोपों से बरी कर दिया गया था।

सुनील जोशी पर समझौता ब्लास्ट केस में शामिल होने के आरोप थे। इस ब्लास्ट में 68 लोगों की मौत हुई थी। विस्फोट को नई दिल्ली से लाहौर जाने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में अंजाम दिया गया था।

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा ‘प्रज्ञा ठाकुर के हाल में महात्मा गांधी के हत्यारे को देशभक्त और हेमंत करकरे को अपने ‘श्राप’ के जरिए मारने की बात कही। इससे यह इंगित होता है कि आरएसएस प्रचारक मर्डर केस की जांच फिर से होनी चाहिए। इसके लिए हम कानूनी सलाह लेकर हाई कोर्ट में फिर से अपील करने जा रहे हैं।’

बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही विपक्ष के निशाने पर हैं। वह कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। वह जबसे बीजेपी में शमिल हुई हैं विवादित बयानों के जरिए विपक्ष उनपर हमलावर है। हाल ही में साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे देशभक्त थे। इससे पहले साध्वी ने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि हेमंत की मौत उनके ‘श्राप’ की वजह से हुई। हालांकि लगातार विवादित बयानों से चौतरफा घिरने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर उन्होंने माफी भी मांग ली।