मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने राजनीतिक पारी से संन्यास लेने का मूड बना रहे हैं। इस बात के संकेत खुद कमलनाथ ने सौंसर विधानसभा क्षेत्र में एक सभा के दौरान दिए।

कमलनाथ ने सभा में समर्थकों के सामने कहा कि मैं कुछ आराम करने के लिए तैयार हूं। मेरी कोई महत्वकांक्षा नहीं है और न ही किसी पद का कोई लालच है। मैंने पहले ही बहुत कुछ हासिल कर लिया है। मैं घर पर रहने के लिए तैयार हूं। कमलनाथ ने कहा कि पूरे मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जिला और यहां का सौंसर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि यहां की जनता और कार्यकर्ताओं का कांग्रेस के प्रति समर्पण अन्य जगहों के लिए सदैव उदाहरण बना है।

पूर्व सीएम ने आगे कहा कि इसलिए मैं हमेशा दावे से कहता हूं कि मेरे जिले की जनता मेरी ताकत है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे आप सभी के आशीर्वाद से सबकुछ मिला है। कमलनाथ ने मंच पर मौजूद कांग्रेस की पूर्व विधायक कमला चौरे की ओर इंगित करते हुए कहा कि आप गवाह हैं, जब इंदिरा गांधी को गिरफ्तार किया गया तो इसके विरोध में मेरे साथी रेवनाथ चौरे ने छिंदवाड़ा जिले में सबसे पहले अपनी गिरफ्तारी दी थी।

पूर्व सीएम कमलनाथ का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब हाल ही में विधानसभा उपचुनावों में पार्टी को करारी हार मिली है। पहले कमलनाथ को राज्य में अपनी सत्ता गंवानी पड़ी और फिर उपचुनाव में भी वह पार्टी के लिए खास नहीं कर पाए। ऐसे में राजनीतिक हलकों में उनका कमलनाथ का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कमलनाथ के इस बयान के बाद से कई कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस बयान के जरिये वह अपना पद छोड़ने की बात कह रहे हैं। वहीं कुछ का मानना है कि वह राजनीति को अलविदा कहने के संकेत दे रहे हैं। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर कमलनाथ के ‘मैं भी आराम करना चाहता हूं’ वाले बयान पर चुटकी लेने से नहीं चूके।

पाराशर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्हें अब भोपाल स्थित अपना सरकारी मकान लौटा देना चाहिए। कमलनाथ अपना कारोबार बंद करें और अपने घर में आराम करें।