मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है। 2023 में यहां से विधायक वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान चुने गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सीट छोड़ दी। अब यहां पर भाजपा जोर-शोर से प्रचार कर रही है। बुधनी से बीजेपी ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा है। वहीं शिवराज के बेटे कार्तिकेय चौहान यहां पर भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं और जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

दिग्विजय सिंह ने शिवराज के बेटे को दी नसीहत

चुनाव प्रचार के दौरान कार्तिकेय ने लोगों को संबोधित करते हुए कह दिया कि अगर इस चुनाव में 19-20 हुआ और गलती से भी कांग्रेस जीत गई तो एक भी ईंट बुधनी के किसी गांव में नहीं लगने वाली है। शिवराज के बेटे के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने एतराज जताया है। दिग्विजय सिंह ने शिवराज के बेटे कार्तिकेय को अपना पोता बताया है और कहा कि उन्हें अपने पिता से सीखना चाहिए।

दिग्विजय सिंह ने X पर लिखा, “कार्तिकये अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिल कर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया, आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज क़ानून में निर्माण काम करने के ज़िम्मेदारी सरपंच की होती है ना की विधायक की। आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान है। यह मेरी राय है आप मानें ना मानें आप जानें। जय सिया राम।”

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कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को बनाया प्रत्याशी

बुधनी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को प्रत्याशी बनाया है। राजकुमार पटेल कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं और वह 1993 में बुधनी विधानसभा सीट से विधायक बन चुके हैं। आखिरी बार उन्होंने 2006 में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

बुधनी विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को चुनाव होगा। बुधनी विधानसभा सीट शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट मानी जाती है। बुधनी को शिवराज सिंह चौहान का गढ़ कहा जाता है और यहां से वह हमेशा जीतते रहे हैं। बीजेपी ने उपचुनाव को नाक की लड़ाई बना ली है, क्योंकि बुधनी में भाजपा किसी भी कीमत पर हार को स्वीकार नहीं करने वाली है।