अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर देश में चल रही बहस के बीच अब श्रीलंका के दिवूरमपोला में सीता मंदिर बनाने की बात सामने आ रही है। बता दें कि मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं में इसको बनाने के लिए जुबानी जंग शुरू हो गई है। श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने का मुद्दा एक दिन पहले मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री पी सी शर्मा ने उठाया है। उन्होंने यह कहते हुए यह मुद्दा उठाया था कि उनकी सरकार के एक अधिकारी को श्रीलंका भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी कि वहां मंदिर बनाया जाना चाहिए या नहीं। गौरतलब है कि शिर्मा मध्य प्रदेश के जनसंपर्क और विधि एवं विधायी मंत्री भी हैं।
सीता मंदिर पर नेताओं का जुबानी जंगः कांग्रेस नेता पी सी शर्मा के जवाब में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार (17 जुलाई) को ट्वीट कर लिखा, ‘सारा देश, सारी दुनिया जानती है कि सीताजी लंका में अशोक वाटिका में रखी गईं थी और उन्होंने अग्नि-परीक्षा भी दी थी। मैं (मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में) जब श्रीलंका गया था तो मेरे मन में यह भाव आया कि इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए! मुझे आश्चर्य हो रहा है कि कमलनाथ सरकार तथ्यों को जांचने की बात क्यों कर रही है!’ उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ सरकार के अफसर श्रीलंका जाकर ”सर्वे” करा कर वेरिफाई करेंगे कि माता सीता का अपहरण हुआ था या नहीं! मित्रो, इससे ज्यादा हास्यास्पद कुछ हो सकता है क्या? पूरी दुनिया जिस सत्य को जानती है, उसकी जांच कराने की बात करके कमलनाथ सरकार ने करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है!’ इसके अलावा, चौहान ने इस ट्वीट के साथ टैग किए गए एक वीडियो को भी शेयर किया है। वीडियो में उन्होंने दावा किया कि केन्द्र सरकार एवं श्रीलंका की सरकार से उन्होंने श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने के लिए आवश्यक मंजूरियां भी प्राप्त कर ली थीं।
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शिवराज ने की थी श्रीलंका के राष्ट्रपति से बातः दरअसल, वर्ष 2012 में जब शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे मध्यप्रदेश के सांची में बौद्ध यूनिर्विसटी की आधारशिला रखने आए थे। इस दौरान चौहान ने राजपक्षे से चर्चा कर श्रीलंका में सीता मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा था। बता दें कि यह मंदिर श्रीलंका के दिवूरमपोला में हैं, जहां पर पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी, वहां पर मंदिर बनना था। शिवराज ने कहा कि हमने बौद्ध मठ से सीता मंदिर बनाने के लिए कुछ जमीन मांगी थी और वे इसे देने के लिए राजी भी हो गए थे। यह सीता माता का मंदिर बौद्ध मठ एवं वर्तमान में वहां मौजूद सीता चबूतरे के पास वाली जमीन पर बनना था।
शर्मा ने पूर्व सीएम शिवराज द्वारा कोई आदेश से इंकार कियाः पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस टिप्पणी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया था कि जिस जगह पर रावण ने माता सीता को बंधक बनाया था, वहां पर मंदिर बनाया जाएगा। इस बारे में हमने फाइलें उलट-पलट कर देख ली हैं। हमें (इस बारे में कोई लिखित आदेश) दिख नहीं रहा है।’ उन्होंने दावा किया और कहा कि इस दिशा में पूर्ववर्ती चौहान सरकार ने कुछ भी नहीं किया है।
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राम वन गमन पथ का निर्माणः मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास मंत्री पी सी शर्मा ने शिवराज सरकार पर कुछ काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘हम पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की तरह घोषणा नहीं करेंगे, काम करेंगे। लेकिन तथ्यों के आधार पर करेंगे।’ शर्मा ने यह भी कहा, ‘इसी तरह से चौहान ने राम वन गमन पथ बनाने की भी बात की, लेकिन इस पर भी उन्होंने अपने शासनकाल में कुछ नहीं किया। इस पर भी काम कमलनाथ के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल में हो रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ के लिए काम शुरू किया है। हमने उसका पूरा नक्शा बना लिया है। आपको जल्दी देखने को मिलेगा कि भगवान राम चित्रकूट से लेकर अमरकंटक तक 200 किलोमीटर चले थे। पूरा राम गमन पथ हम बनाएंगे, ताकि वहां पर चल कर लोग लाभान्वित हों। हमने इस बजट में इसके लिए राशि देने का प्रावधान भी किया है।’