मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के खिलाफ हाल ही में मोर्चा खोलने वाले कम्प्यूटर बाबा को दिगम्बर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए अखाड़ा के पदाधिकारी नरेंद्र गिरी ने बताया कि अखाड़े द्वारा कम्प्यूटर बाबा को निष्कासित करने के बाद अब कम्प्यूटर बाबा प्रयागराज में होने वाले कुम्भ में दिगंबर अखाड़े की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेंगे। कम्प्यूटर बाबा अब महामंडलेश्वर नहीं होंगे।

इसके पूर्व कम्प्यूटर बाबा को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। लेकिन कुछ ही महीनों में कम्प्यूटर बाबा ने शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा दे दिया और सरकार के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार कर लिया। उन्होंने शिवराज सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया और ‘कम्प्यूटर बाबा के मन की बात’ द्वारा सरकार के खिलाफ संत समाज के समागम का अभियान शुरू किया। इंदौर में सरकार के खिलाफ समागम  करने के बाद कम्यूटर बाबा ने जबलपुर, खंडवा और रीवा में भी समागम की योजना बनाई है।

कम्प्यूटर बाबा उर्फ़ नामदेव शास्त्री ने एमपी सरकार पर संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया उन्होंने अलग नर्मदा मंत्रालय बनाने की मांग रखी थी। कम्प्यूटर बाबा एमपी चुनावों को देखते हुए कई बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके है लेकिन बीजेपी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

हालाँकि कम्प्यूटर बाबा इसके पहले 2014 में भी आम आदमी पार्टी और बीजेपी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके है। फिलहाल दिगंबर अखाड़े ने कम्प्यूटर बाबा को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है, इस संबंध में अखाड़े की ओर से एक पत्र जारी किया गया है। जारी पत्र में कम्प्यूटर बाबा पर आरोप लगाया गया कि वे निजी हित साधने के लिए तुच्छ राजनीती कर रहे है जिससे संतों की गरिमा को ठेंस पहुँच रही है। उन्होंने अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के दौरान जो शपथ ली थी उसका दुरूपयोग कर रहे है।