मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में साल भर का कार्यकाल पूरा करने जा रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने शनिवार (07 दिसंबर) को कहा कि उन्हें मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं का नहीं, बल्कि राज्य की जनता का प्रमाणपत्र चाहिए। इस पर बोलते हुए कमलनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘साल भर के हमारे कार्यकाल में से ढाई महीने तो लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता के कारण निकल गए। इस तरह हमें काम करने के लिए केवल साढ़े नौ महीने मिले। इस अवधि में हमने सूबे में विकास की नई शुरूआत करते हुए अपनी सही नीतियों और नीयत का परिचय दिया है।’ इसके साथ सीएम कमलनाथ ने ने ‘ई-सवारी योजना’ की भी शुरुआत की है।
सीएम आगे भी देंगे कृषी पर जोरः मुख्यमंत्री ने कहा, ‘फिलहाल सूबे के कृषि क्षेत्र में फसलों के बम्पर उत्पादन की चुनौती है। ऐसे में हम कृषि क्षेत्र को नए नजरिए से देखते हुए किसानों की पर्चेसिंग पावर को बढ़ायेंगे, ताकि बाजारों में आर्थिक हलचल तेज हो।’ पिछले साल नवंबर में संपन्न विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस 15 साल के लम्बे अंतराल के बाद सूबे की सत्ता में लौटी थी। बता दें कि कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
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कमलनाथ- बीजेपी की तरह कोरी घोषणा नहीं करतेः मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं कोरी घोषणाओं में विश्वास नहीं करता। घोषणा करने वाले लोग (भाजपा नेता) तो 15 साल तक घोषणा ही करते रह गए। जब राज्य की जनता ने इन घोषणाओं से परेशान होकर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया, तो अब उन्होंने हमारी आलोचना करनी शुरू कर दी है।’ उन्होंने कहा, ‘हम सूबे के नौजवानों और किसानों के भविष्य की चुनौतियों के मुताबिक विकास का नया नक्शा बनायेंगे। हम रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निवेश का वातावरण बनायेंगे, ताकि उद्योगपति पूंजी लगाने के लिए अपने आप मध्यप्रदेश आएं।’
बीजेपी का नहीं जनता का प्रमाणपत्र चाहिए-कमलनाथः मामले में कमलनाथ ने कहा, ‘मुझे उनकी (भाजपा नेताओं की) आलोचना की चिंता नहीं है। मुझे उनका प्रमाणपत्र नहीं चाहिए। मुझे तो प्रदेश की जनता से प्रमाणपत्र चाहिए।’ प्रशासन के जरिए कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए कमलनाथ ने कहा कि सूबे में असुरक्षा के वातावरण को जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
‘ई-सवारी योजना’ की हुई शुरुआतः सीएम कमलनाथ ने ‘ई-सवारी योजना’ की शुरूआत की और इसे देश में अपनी तरह का पहला सरकारी कार्यक्रम करार दिया। इस योजना के जरिए पहले चरण में 100 महिला ड्राइवरों को ई-रिक्शा प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर की जरूरतों के मुताबिक इन शहरों में भी महिला ड्राइवर वाले ई-रिक्शा चलाए जायेंगे।