मध्य प्रदेश के नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण के नतीजे 20 जुलाई को सामने आए। इस चरण की मतगणना में कई स्थानों पर हैरान कर देने वाले नतीजे सामने आए। दरअसल रीवा नगर निगम में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है। यहां भाजपा का बीते 24 साल से कब्जा था। कांग्रेस प्रत्याशी अजय मिश्रा ‘बाबा’ और भाजपा के प्रबोध व्यास के बीच यहां कड़ा मुकाबला था।
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह ने भाजपा प्रत्याशी के लिए यहां दो बार जनसभा की। लेकिन इसके बाद भी भाजपा को यहां पर हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के प्रबोध व्यास 10 हजार 282 वोटों के अंतर से हारे। इस हार के चलते मालवा क्षेत्र में भाजपा का दबदबा कम हुआ है।
नतीजों से साफ है कि जिस तरह से भाजपा विंध्य और चंबल में मजबूत थी, उसके मुकाबले अब पार्टी पहले से कमजोर हुई है। यह हाल तब है जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा उम्मीदवार के लिए दो बार जनसभा करने पहुंचे थे।
निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी दिखाया दम: रीवा में महापौर पद के लिए भाजपा भले ही जीत न सकी हो लेकिन वार्डों में स्थिति देखें तो भाजपा का दबदबा कायम रहा। भाजपा उम्मीदवारों ने 13 वार्डों में जीत हासिल की है। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 9 वार्डों में सफलता मिली है। इसके साथ ही निर्दलीयों की संख्या भी अच्छी खासी देखी जा रही है। बता दें कि 45 में से 6 वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई है।
भाजपा के लिए खतरे की घंटी: दरअसल मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हुए इन नगर निगमों के चुनाव को पार्टियों के लिए सेमीफाइनल कहा जा रहा है। अगर इसे सेमीफाइनल मानें तो ऐसे में भाजपा के लिए खतरे की घंटी है। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अहम बात यह है कि भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले कई निगमों पर कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा किया हैं।