प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के चंद घंटे बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मांग की कि वह प्रसिद्ध दलित नेताओं की प्रतिमा स्थापित करने को अतीत की अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब उन्होंने बी.आर.आंबेडकर और दूसरे दलित नेताओं की प्रतिमाएं, स्मारक व पार्क बनवाए थे तो भाजपा और आरएसएस ने इसे जनता के पैसे की फिजूलखर्ची बताकर कड़ी आलोचना की थी
उन्होंने कहा कि, लेकिन अब भाजपा और आरएसएस, गुजरात में पटेल की प्रतिमा पर 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर गदगद हो रहे हैं। मायावती ने कहा कि भाजपा को सिर्फ उन्हें बदनाम करने के लिए ही माफी नहीं मांगनी चाहिए, बल्कि लोगों को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने अंग्रेजी नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पटेल के लिए क्यों चुना, जो पूरी तरह से भारतीय थे।
मायावती ने कहा कि अंग्रेजी नाम से साफ है कि यह कार्यक्रम पटेल को कितना समर्पित है और इसमें कितनी राजनीति है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल विशुद्ध रूप से भारतीय थे, उनके बोल-चाल, खान-पान और पहनावे से भारतीयता झलकती थी लेकिन उनकी मूर्ति का नाम अंग्रेजी के नाम पर क्यों रखा इसे भी बीजेपी को बताना चाहिए। गौरतलब है कि मायावती के शासन काल में कई दलित नेताओं के नाम पर स्मारक व पार्क बनाये गए थे। उस समय की बात को याद दिलाते हुए आज मायावती बीजेपी पर तंज कस रही है। हालाँकि मायावती ने दलित महापुरुषों के साथ अपनी भी मूर्तियां लगाई थी तब बीजेपी समेत अनेक दलों ने इसका विरोध किया था।