यूपी की राजधानी लखनऊ के विकासनगर थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में 24 वर्षीय अमन गौतम की पुलिस हिरासत में मौत ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। अमन के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे पीट-पीटकर मार डाला, जबकि पुलिस का कहना है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। घटना शुक्रवार रात की है, जब पुलिस को जुआ खेलने की सूचना मिली थी। आंबेडकर पार्क में छापेमारी के दौरान पुलिस ने अमन और उसके दोस्त सोनू को हिरासत में लिया। अमन की गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई, और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस बोली- पोस्टमार्टम में नहीं मिले पिटाई से चोट के निशान

पुलिस ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि अमन की मौत के पीछे कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई है। शनिवार को पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि तीन डॉक्टरों के पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में अमन के शरीर पर किसी तरह की हिंसा के कोई निशान नहीं मिले। पुलिस का दावा है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। हालांकि, अमन के परिवार ने इस बात को सिरे से खारिज करते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि अमन कभी जुआ नहीं खेलता था और पुलिस ने उसे झूठे आरोपों में फंसाकर मार डाला।

अमन की मौत के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। उसके परिजनों और स्थानीय लोगों ने खुर्रमनगर चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने अमन को बेवजह हिरासत में लिया और उसके साथ बर्बरता की। उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़क जाम कर दी। अमन की पत्नी रोशनी और उसकी तीन साल की बेटी के साथ पूरा परिवार सदमे में है। परिवार की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के आंबेडकर पार्क में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत बेहद दुखद और निंदनीय है। मायावती ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस घटना ने समाज में गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि पीड़ित परिवार को मुआवजा और न्याय दिया जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पुलिस की क्रूरता और समाज में व्याप्त असमानता को उजागर करती हैं।

घटना के बाद अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी अपना रोष प्रकट किया। सांसद चंद्रशेखर और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मौके पर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतांत्रिक समाज के लिए चिंता का विषय हैं और पुलिस की जवाबदेही तय होनी चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

अमन गौतम की मौत से समाज में गहरी चिंता और असंतोष की लहर दौड़ गई है। पुलिस पर उठ रहे सवालों ने शासन-प्रशासन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और दोषी पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है।