आबकारी नीति को लेकर मचे घमासान के बीच दिल्ली में कई आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है। इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने आदेश दिया है। आदेश के मुताबिक, तत्काल प्रभाव से 12 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है।
दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश पर दिल्ली सेवाएं विभाग की डिप्टी सेक्रेटरी अंजू मंगला की ओर से सभी आईएएस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से नया पदभार संभालने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा, कई आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभारी भी सौंपा गया है।
इससे पहले मई में भी उपराज्यपाल ने बड़े पैमाने पर तबादले किए थे। उन्होंने 34 आईएएस अधिकारियों समेत 40 अधिकारियों का तबादला किया था। उपराज्यपाल का पदभार संभालने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने इतने बड़े पैमाने पर यह फेरबदल किया था, जिसे काफी अहम कदम माना जा रहा था।
इस लिस्ट में 34 आईएएस अधिकारी और 6 दानिक्स (दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह सिविल सेवा) के अधिकारी शामिल थे।
आदेश के मुताबिक, 1995 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी अनिल कुमार सिंह, 1990 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण, 2003 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी विवेक पांडे, 2005 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी आशीष माधोराव, 2004 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी शूरवीर सिंह औऱ गरिमा गुप्ता, 2007 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी उदित प्रकाश राय और विजेंद्र सिंह रावत, 2010 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी कृष्ण कुमार और कल्याण सहाय मीणा, 2012 बैच की एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी सोनल स्वरूप और 2013 बैच के एजीएमयूटी कैडर के सीनियर आईएएस अधिकारी हेमत कुमार सहित 12 आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है।
बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को दिनभर छापेमारी की। मनीष सिसोदिया के आवास समेत 7 राज्यों में 21 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इससे पहले 17 अगस्त को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में कहा गया कि ये लोग पिछले साल लाई गई आबकारी नीति के कर्यान्वयन में अनियमितताओं में शामिल थे। इसमें कई आबकारी अधिकारी भी शामिल हैं।
एफआईआर में सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि सिसोदिया के करीबी के बैंक अकाउंट में शराब कारोबारी ने 1 करोड़ रुपए भेजे थे। इसमें कहा गया है कि डिप्टी सीएम के सहयोगी शराब माफियाओं से पैसा लेकर अधिकारियों को पहुंचाने का काम कर रहे थे।