Sujit Bisoyi

ओडिशा में चुनाव आयोग ने 4 पीठासीन अधिकारी और एक मतदान अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है। पांचों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन सभी पर मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगा था। ओडिशा की 4 लोकसभा और 28 विधानसभा सीटों पर सोमवार को वोटिंग हुई।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने निर्देश दिया कि इनमें से दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाए। ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आरोपी अधिकारियों के नाम नहीं बताए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 129 के तहत कार्रवाई की गई है, जो चुनाव अधिकारियों को किसी भी तरह से मतदान को प्रभावित करने से रोकती है।

सीईओ ने गंजम जिले के कलेक्टर को छत्रपुर विधानसभा क्षेत्र में तैनात दो पीठासीन अधिकारियों को निलंबित करने और गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। कलेक्टर को गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में तैनात तीसरे पीठासीन अधिकारी को भी निलंबित करने का निर्देश दिया गया। सीईओ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम वेब-कास्टिंग रूम में स्थिति की निगरानी कर रहे थे और हमने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि वे जहां भी चुनाव अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की अनियमितताएं पाएं, वहां कार्रवाई करें। दो पीठासीन अधिकारियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।”

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों पर लोगों को एक खास राजनीतिक दल के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रभावित करने के आरोप हैं। गंजम एसपी जगमोहन मीना ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस की गिरफ्तारी के संबंध में कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि इस बीच मतदान केंद्रों से लौट रहे मतदान अधिकारियों से ईवीएम जमा करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

सीईओ ने यह भी निर्देश दिया है कि धरमगढ़ और चिकिटी विधानसभा क्षेत्रों में तैनात दो अन्य मतदान अधिकारियों को भी निलंबित किया जाए। इनमें से एक पीठासीन अधिकारी भी था। मतदान शुरू होने के तुरंत बाद चिकिटी से छिटपुट झड़पों की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद सीईओ ने बेरहामपुर एसपी को सुचारू मतदान के लिए स्थिति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने का निर्देश दिया।

बेरहामपुर और झारीगांव विधानसभा क्षेत्रों से भी हिंसा की घटनाएं सामने आईं। मलकानगिरी जिले के चित्रकोंडा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वाभिमान अंचल में, )जो कभी माओवादियों का गढ़ होने के कारण कटा हुआ था) कई मतदान केंद्रों पर लगभग 60 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए आए। 2019 में क्षेत्र के मतदाताओं ने एक ही बीएसएफ कैंप में मतदान किया था और मतदान प्रतिशत केवल 25.77% था।