Lok Sabha Election 2019: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में कहा कि कश्मीर में भी अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए। उनके इस बयान को पीएम नरेंद्र मोदी ने लपक लिया और तेलंगाना में एक सभा के संबोधन में कहा कि कांग्रेस के एक बड़े सहयोगी दल, महागठबंधन के सबसे तगड़े साथ, नेशनल कांफ्रेंस ने बयान दिया कि कश्मीर में अलग पीएम होना चाहिए। आप बताएं कि कांग्रेस के इस साथी पार्टी की ये मांग आपको मंजूर है? दरअसल, उमर ने कहा, “बांकि रियासत बिना शर्त के देश में मिले, पर हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी, अपना संविधान होगा। हमने उस वक्त अपने ‘सदर-ए-रियासत’ और ‘वजीर-ए-आजम’ भी रखा था, इंशा-अल्लाह उसका भी हम वापस ले आएंगे।”
अब्दुल्ला ने आगे कहा, “इस चुनाव को मामूली चुनाव न समझें। आज हमारे उपर तरह-तरह के हमले हो रहे हैं। तरह-तरह की साजिश रची जा रही है। बड़ी-बड़ी ताकतें निकली हुई है, जम्मू-कश्मीर की पहचान को मिटाने के लिए। जम्मू-कश्मीर से 35 ए को हटाने की बात कही जा रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने धमकी दी थी थी कि 35 ए और धारा 370 को हटाने का काम होगा। जम्मू-कश्मीर बांकि रियासतों की तरह नहीं है। हम शर्त के साथ भारत में आए। हमने कहा कि हमारा पहचान अपना होगा। हमारा झंडा अपना होगा। हमने उस वक्त अपना ‘प्रधानमंत्री’ भी रखा था, बाद में जिसे हटा दिया गया लेकिन हम उसे भी वापस ले आएंगे।”
नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा, “आप हमारा मुकाबला अन्य रियासतों के साथ कर रहे हो। यूपी हो, बिहार हो, मध्य प्रदेश हो, तमिलनाडु हो, झंडा दिखाइए? है कोई उनका झंडा? हमारी खता क्या खता, जब हमने मांग के आपसे कुछ लिया, दोस्ती का हाथ बढ़ाया। अब आप 70 साल बाद कहते हैं कि जो हमने फैसला उस वक्त किया था, वह गलत था। जिन शर्तों के साथ हम आये थे, आज आप उसे हटाने की बात कर रहे हो। अब हम ज्यादा बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम आपको मजबूर करेंगे कि हमारे पास जो पहले से था और जिसे आपने हमसे छीन लिया, उसे वापस करें।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और महागठबंधन की पार्टियों से जानना चाहा कि क्या वे नेशनल कान्फेंस के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा जम्मू कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री की कथित रूप से वकालत करने का समर्थन करती हैं? मोदी ने मांग की कि महागठबंधन के नेता इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दें कि क्या वे अब्दुल्ला की टिप्पणी का समर्थन करते हैं? उन्होंने सवाल किया, ‘‘हिंदुस्तान के लिए दो प्रधानमंत्री? क्या आप इससे सहमत हैं? कांग्रेस को जवाब देना होगा और महागठबंधन के सभी सहयोगियों को जवाब देना होगा। क्या कारण हैं और उन्हें ऐसा कहने की हिम्मत कैसे हुई।’’
मोदी ने कहा कि वह तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और राकांपा प्रमुख शरद पवार से भी पूछना चाहते हैं कि क्या वे उमर अब्दुल्ला के बयान से सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बंगाल दीदी पूछना चाहता हूं जो काफी शोर मचाती हैं, क्या आप इससे सहमत हैं? जनता को जवाब दीजिये। यूटर्न (चंद्रबाबू) बाबू से जिनके साथ हाल में फारुक अब्दुल्ला ने आंध्र प्रदेश में प्रचार किया था। क्या आप मानते हैं कि नायडू को वोट मिलने चाहिए?’’ मोदी ने कहा, ‘‘राकांपा के शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा जिनके पुत्र कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें भी जवाब देना चाहिए। क्या आप उनके (महागठबंधन) साथ जाना चाहेंगे क्या उनसे अलग होंगे?’’ (एजेंसी इनपुट के साथ)

