Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 195 प्रत्याशियों की सूची शनिवार शाम को जारी की। पार्टी की पहली लिस्ट में 115 पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया। सूची में सामाजिक सामंजस्य का भी ध्यान रखा गया। जिसमें 27 एससी, 18 एसटी और 57 ओबीसी नेताओं को मौका दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे और अमित शाह गांधी नगर और यूपी की राजधानी लखनऊ से राजनाथ सिंह मैदान में होंगे। पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद अमित शाह ने शनिवार देर रात यूपी में भाजपा के सहयोगी दलों के साथ बैठक की।
अमित शाह के साथ सबसे पहली बैठक जयंत चौधरी के साथ हुई। बैठक में तय हुआ कि एनडीए गठबंधन जयंत की पार्टी आरएलडी को दो सीटें – बिजनौर और बागपत देगी। हालांकि, आरएलडी की तरफ से तीन सीटों की मांग की जा रही थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बागपत से भाजपा, जबकि बिजनौर से बसपा ने जीत दर्ज की थी।
जयंत के बाद अमित शाह ने अपना दल के साथ बैठक की। अनुप्रिया पटेल और आशीष पटेल के साथ हुई बैठक में अपना दल को दो सीटें देने का फैसला हुआ। पहले भी अपना दल के खाते में दो ही सीटें रॉबर्ट्सगंज सुरक्षित और मिर्जापुर सीट थीं। चर्चा है कि अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से चुनाव लड़ सकती हैं।
अपना दल के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के साथ मीटिंग की। यह बैठक करीब 15 मिनट तक चली। भाजपा ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के लिए एक सीट देने का फैसला किया। राजभर की पार्टी अब घोषी से चुनाव लड़ेगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोषी से चुनाव लड़ सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन तीनों सहयोगी दलों के प्रमुखों से अमित शाह ने अलग-अलग बात की। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
भाजपा की चौथी सहयोगी दल निषाद पार्टी है, जिसके अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद भाजपा के टिकट पर संत कबीरदास से चुनाव लड़ेंगे। वे अभी यहीं से सांसद हैं। बैठक से तय हो गया है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में सहयोगी दलों को छह सीटें देने वाली है। पार्टी ने अपनी पहली सूची में यूपी से 51 प्रत्याशियों का नाम जारी किया है।