Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव को लेकर नेताओं ने अपनी नई मंजिल तलाशने की कवायद शुरू कर दी। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी को रविवार को एक और करारा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद सलीम शेरवानी ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। सलीम यूपी से पांच बार सांसद रह चुके हैं। सलीम शेरवानी ने रविवार दोपहर को पद छोड़ने का ऐलान के साथ कहा कि अगले कुछ हफ्तों में वह अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में निर्णय लेंगे।

सलीम शेरवानी ने दिल्ली के इस्लामी कल्चर सेंटर में अपने समर्थकों और करीबियों संग बैठक की। इसके बाद उन्होंने पार्टी के पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। शेरवानी राज्यसभा में किसी मुस्लिम को टिकट न देने से पार्टी के आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। इसके चलते उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से इस्तीफा दिया है।

सलीम ने सपा प्रमुख को लिखा पत्र-

सलीम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं। जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा।’

सपा प्रमुख को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया. बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता, लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी. मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में हैं, मुझे लगता है सपा में रहते हुए मैं मुसलमान की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता।’

सलीम शेरवानी ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से अपने पीडीए का नाम लिया, लेकिन राज्यसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते।

विपक्षी गठबंधन को लेकर शेरवानी ने कहा, ‘एक मजबूत विपक्षी गठबंधन बनाने का कोशिश बेमानी साबित हो रही है और कोई भी इसके बारे में गंभीर नहीं दिखता है। ऐसा लगता है कि विपक्ष सत्ता पक्ष की गलत नीतियों से लड़ने की तुलना में एक दूसरे से लड़ने में अधिक रुचि रखता है।’

धर्मनिरपेक्षता को लेकर सलीम शेरवानी ने कहा, ‘धर्मनिरपेक्षता दिखावटी बन गई है। भारत में खासकर उत्तरप्रदेश में मुसलमानों ने कभी भी समानता, गरिमा और सुरक्षा के साथ जीवन जीने के अपने अधिकार के अलावा कुछ नहीं मांगा, लेकिन पार्टी यह मांग भी बहुत बड़ी लगती है। पार्टी के पास हमारी इस मांग का कोई जवाब नहीं है। इसलिए मुझे लगता है कि मैं सपा में अपनी वर्तमान स्थिति के साथ अपने समुदाय की स्थिति में कोई बदलाव नहीं ला सकता। इस परिस्थिति में मैं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में अपना इस्तीफा दे रहा हूं। मैं अगले कुछ हफ्तों के भीतर अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में निर्णय लूंगा।’

पांच बार सांसद रह चुके हैं सलीम शेरवानी

शेरवानी बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। चार बार वो समाजवादी पार्टी और एक बार कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शेरवानी सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। चुनाव में कांग्रेस से मिली हार के बाद वह सपा में वापस आ गए थे। वहीं अब शेरवानी सपा हाईकमान से नाराज चल रहे हैं।