Bihar Political Crisis: बिहार में जदयू-राजद-कांग्रेस गठबंधन पर खतरे के बादल मंडराते हुए नजर आ रहे हैं। राज्य के ताजा और हालिया घटनाक्रम को देख कर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए (राजग) में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, जिस तरह चर्चाओं का बाजार गर्म है, उसे देखकर कहा जा रहा है कि उनके राजग का हिस्सा बनने की पूरी संभावना है।
गठबंधन में दरार की चर्चा के बीच, राजद और जदयू ने अलग-अलग बैठकें कीं हैं, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं।
जबकि महागठबंधन के भीतर तनाव बढ़ रहा है, मुख्यमंत्री और जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार द्वारा बुधवार को कर्पूरी ठाकुर को उनके शताब्दी समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वंशवादी शासन पर निशाना साधने के बाद अटकलें तेज हो गईं।
हालांकि, नीतीश ने अपने भाषण में किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन कुछ राजद नेताओं ने इसे अपनी पार्टी के नेताओं लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर सीधे हमले के रूप में देखा।
गुरुवार को नीतीश ने आगामी बजट सत्र से संबंधित निर्धारित तीन एजेंडा आइटमों को लेने के बाद 20 मिनट के भीतर कैबिनेट बैठक समाप्त कर दी। सूत्रों ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम तेजस्वी के बीच बहुत कम बातचीत हुई।
लेकिन इसकी रही कसर लालू यादव की बेटी रोहिणी के बैक टू बैक ट्वीट ने पूरी कर दी। रोहिणी ने लगातार तीन ट्वीट किए जिसमें नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ही जमकर अटैक किया। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया।
रोहिणी आचार्य ने एक्स पर तीन पोस्ट किए। पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां।’ अगली पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘खीज जताए क्या होगा जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट।’ वहीं तीसरी पोस्ट में रोहिणी आचार्य ने नीतीश कुमार के समाजवादी पुरोधा होने के दावे पर ही सवाल खड़े कर दिए। रोहिणी आचार्य ने कहा कि ‘समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है..।’
रोहिणी के इस पोस्ट से साफ हो गया कि बिहार महागठबंधन में फिर गेम पलटने जा रहा है। हालांकि लालू यादव की बेटी के इस ट्वीट पर जेडीयू ने ऐतराज जताया, जिससे कुछ देर बाद ही रोहिणी ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए। इससे पहले नीतीश कुमार ने जिस तरह से कर्पूरी जयंती पर परिवारवाद के मुद्दे को लेकर कमेंट किया तो उसे लेकर सूबे में सियासी पारा चढ़ गया है।