Local Body Polls Reservation Panel Formed in UP: उत्तर प्रदेश (UP) की योगी सरकार (Yogi Govt.) ने स्थानीय निकाय चुनाव (Local Body Election) में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को लेकर छिड़ी बहस के बीच बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने प्रदेश में ओबीसी आयोग (OBC Panel) का गठन कर दिया है। रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह (Retired Judge Ram Avtar) की अध्यक्षता में गठित आयोग में कुल पांच सदस्य होंगे। सरकार की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी के निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण (OBC Reservation) का निर्धारण होगा।

मंगलवार को High Court ने सुनाया था फैसला

इसके पहले मंगलवार (27 दिसंबर) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर राज्य सरकार के मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया था और ओबीसी के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का आदेश था। यह फैसला जस्टिस डीके उपाध्याय (DK Upadhyay) और जस्टिस सौरव लवानिया (Saurav Lavania) की खंडपीठ ने सुनाया था।

Retired Judge राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक यूपी में ओबीसी आयोग में रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस आयोग में भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा,रिटायर्ड आईएएस महेंद्र कुमार और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को शामिल किया गया है। आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करेगी।

सपा और बसपा ने साधा था BJP पर निशाना

हाईकोर्ट से पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिना चुनाव कराने के आदेश के बाद विपक्षी दल कांग्रेस, सपा और बसपा ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर ले लिया था, जबकि उनके शासनकाल में भी पिछड़ा वर्ग के रैपिड सर्वे के आधार पर ही निकाय चुनाव संपन्न होते आए हैं। वहीं प्रदेश सरकार की ओर से अब पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने के साथ ही ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश में शुरू हुआ सियासी घमासान थम सकता है।