Land For Job Case: लालू यादव परिवार को बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन के कथित मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों हेमा यादव और मीसा भारती को रेगुलर जमानत दे दी है। कोर्ट ने इसके साथ ही पूर्व रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को भी जमानत दी है।

सभी चार आरोपियों ने 9 फरवरी को रेगुलर जमानत याचिका दायर की थी। उन्होंने यह याचिका उस वक्त दायर की थी, जब समन का जवाब देने के लिए यह लोग कोर्ट के सामने पेश हुए थे। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।

ईडी ने जमानत अर्जियों पर अपने जवाब में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की प्रकृति के बारे में बताते हुए कहा कि ये गंभीर प्रकृति के हैं और जमानत अर्जियों पर कानून के मुताबिक विचार किया जा सकता है।

ईडी की ओर से पेश वकील स्नेहल शारदा और ईशान बैसला के साथ विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) मनीष जैन ने तर्क दिया कि अगर आरोपी व्यक्तियों को जमानत दी जाती है तो उन पर कड़ी शर्तें लगाई जा सकती हैं।

इसके बाद स्पेशल जज विशाल गोगने ने दलीलों पर ध्यान दिया और चारों आरोपियों को जमानत देते हुए कहा कि, “ईडी ने जांच के दौरान उनकी गिरफ्तारी को प्रभावित करना जरूरी नहीं समझा और कोर्ट के पास उनकी जमानत से इनकार करने का कोई उचित कारण नहीं है। इस प्रकार अदालत ने चारों आरोपियों को नियमित जमानत दे दी।

इस बीच, अमित कात्याल ने चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत को बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया। जिस पर ईडी ने अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट इस मामले पर पांच मार्च को सुनवाई करेगी।

कात्याल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कोर्ट को इस तथ्य से भी अवगत कराया कि 5 फरवरी को कात्याल को दी गई अंतरिम जमानत 4 मार्च को समाप्त हो रही है। जिसके बाद कोर्ट ने कात्याल की अंतरिम जमानत भी 5 मार्च तक बढ़ा दी।

कोर्ट कथित तौर पर नौकरी के बदले जमीन मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध करने के लिए ईडी द्वारा दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी।

एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि नौकरियों के बदले जमीन मामले में आरोपी के रूप में नामित दो कंपनियां एके इंफोसिस्टम्स और एबी एक्सपोर्ट्स का गठन बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था।