Lakhimpur Kheri Violence: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कुल 12 आरोपियों को मंगलवार को जमानत दे दी। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस कृष्ण पहल ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों ने भले ही संयम नहीं बरता और शिकायतकर्ताों के आरोपों के विपरीत अलग-अलग बयान दिए गए। कोर्ट ने आगे कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में गवाहों की जांच होनी बाकी है और निकट भविष्य में मुकदमा समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि अदालत को लगता है कि यह जमानत के लिए सही मामला है और जमानत के लिए आवेदन स्वीकार किए जाते हैं।
लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा पहले से ही इस मामले में जमानत पर है। आज 12 सह-आरोपियों को राहत देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि उनका मामला उनके मामले से बेहतर है, क्योंकि उनका नाम एफआईआर में नहीं था। जिन आरोपियों को आज राहत दी गई, उन्हें पिछले वर्ष विभिन्न तारीखों पर हाई कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी।
जस्टिस पहल ने आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर करते हुए कहा कि कानून का यह स्थापित सिद्धांत है कि जमानत का उद्देश्य मुकदमे में आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। आवेदक के न्याय से भागने या न्याय की प्रक्रिया को विफल करने या अपराधों को दोहराने या गवाहों को डराने-धमकाने आदि के रूप में अन्य परेशानियां पैदा करने का कोई भी भौतिक विवरण या परिस्थिति ए.जी.ए. या मुखबिर के वकील द्वारा नहीं दर्शाई गई है।
आशीष मिश्रा पर 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के विरोध में एकत्र हुए कम से कम चार किसानों की हत्या का आरोप है। हिंसा में एक पत्रकार सहित कुल आठ लोग मारे गए थे।
जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मिश्रा को इस मामले में 8 सप्ताह के लिए अंतरिम ज़मानत दी थी। इसके बाद बेंच को संबंधित जज से मुकदमे की प्रगति रिपोर्ट मिलने के बाद इसे बढ़ा दिया गया। मिश्रा को इस साल 22 जुलाई को पूर्ण जमानत दे दी थी।