UP Politics: प्रदेश भाजपा में संगठन और सरकार के बीच मनमुटाव के कयासों को शनिवार को फिर हवा मिली। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कुंभ की तैयारियों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए, जबकि सीएम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और फूलपुर सांसद के अलावा स्थानीय विधायक भी मौजूद रहे। उधर, नंदी के घर उनके बेटे व बहू को आशीर्वाद देने भी सीएम व डिप्टी सीएम अलग-अलग पहुंचे, जिसे लेकर चर्चाएं होती रहीं।
सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्री नंदी, सांसद व विधायक रहे
गलियारों में हलचल शुरू हो गुई थी। चर्चा होने लगी कि उनके व सीएम योगी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से डिप्टी सीएम की मुलाकात ने चर्चाओं को और बल दिया। संगठन और सरकार के बीच मनमुटाव की चर्चा को तब और बल मिला, जब शनिवार को डिप्टी सीएम कुंभ की तैयारियों को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि व्यस्तता के कारण डिप्टी सीएम ज्यादा देर नहीं रुक सके।
योगी और केशव के बीच की टशन कुल मिलाकर कुर्सी को लेकर ही है। जिसने उत्तर प्रदेश (यूपी) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को परेशान कर दिया है? यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच संभावित मतभेदों को सार्वजनिक हुए करीब चार दिन से ज़्यादा हो चुके हैं और राज्य में राजनीतिक तनाव अभी भी कम नहीं हुआ है। हालांकि, इस अंदरूनी कलह के बीच, जिसे विपक्ष ने ‘कुर्सी की लड़ाई’ करार दिया है, बड़ा सवाल यह है कि मौर्य क्यों परेशान हैं।
हालांकि इस कथित अंदरूनी कलह के बारे में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन यूपी के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति मौर्य की उच्च राजनीतिक आकांक्षाओं का नतीजा है। पार्टी के कुछ अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वह फिर से राज्य भाजपा प्रमुख पद पर नज़र गड़ाए हुए हैं, जबकि अन्य का मानना है कि वह अपने मौजूदा पोर्टफोलियो से नाखुश हैं।
बुधवार शाम मौर्य दिल्ली में 48 घंटे बिताने के बाद यूपी वापस लौट आए। मौर्य के दिल्ली दौरे, जहां उन्होंने 28 घंटे में दो बार भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, उनके और यूपी सीएम के बीच चल रहे विवाद को और हवा दे दी। नड्डा से डिप्टी सीएम की मुलाकात पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट लिखी, “कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में यूपी में शासन और प्रशासन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।” सपा प्रमुख की पोस्ट में आगे लिखा गया, “जो तोड़फोड़ की राजनीति भाजपा दूसरों के साथ करती थी, वही अब भाजपा के साथ कर रही है, अब अंदरूनी राजनीति की भेंट चढ़ रही है।”