केसी त्यागी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जदयू एक छोटी पार्टी है। हम ये तो कह सकते हैं कि नीतीश कुमार पीएम मटेरियल हैं लेकिन यह नहीं कहते कि वो पीएम कैंडिडेट हैं। हमारे 12 सांसद हैं, पीएम पद के लिए 272 सीटें चाहिए। हम उस हवा में नहीं जीते हैं। उन्होंने इंटरव्यू में यह भी कहा कि उनके लिए जदयू का मतलब नीतीश कुमार हैं। उन्होंने कहा, “मैं सिर्फ नीतीश कुमार के लिए जदयू में हूं। वह मेरे दोस्त और नेता हैं। सिर्फ उनकी चिंताएं मेरे लिए मायने रखती हैं।”
नीतीश कुमार के बाद पार्टी की लीडरशिप पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वे कभी भी पार्टी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार जैसा कोई नहीं है। मैंने लालू यादव, मुलायम सिंह यादव और अन्य समाजवादी नेताओं के साथ काम किया है। नीतीश कुमार जैसा कोई नहीं है।”
इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार की उनकी ईमानदारी, जातिवादी न होने और राज्य में सुशासन की शुरुआत के लिए उनकी तारीफ की। केसी त्यागी ने कहा कि वे लंबे समय से नीतीश कुमार से प्रवक्ता पद से मुक्त किए जाने का अनुरोध कर रहे थे और पार्टी अध्यक्ष ने उनसे राजनीतिक सलाहकार के पद पर बने रहने को कहा था।
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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “सरकार को कोई खतरा नहीं है। इसे कहीं से भी कोई चुनौती नहीं है, न विपक्ष से और न ही अपने सहयोगियों से। यह अपना कार्यकाल पूरा करेगी।”
गठबंधन बदलने पर दिया बड़ा बयान
नीतीश कुमार के गठबंधन बदलने के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा,”नीतीश कुमार थोड़े ज्यादा बदनाम हो गए लेकिन कोई पार्टी ऐसी नहीं है, जिसने अपने धुर-विरोधियों से हाथ न मिलाया हो। कांग्रेस पार्टी का केस ले लीजिए। आपातकाल में डीएमके की सरकार गिराने का काम इंदिरा जी ने किया। मैं तो आपातकाल में जेल में रहा हूं। देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे, उनके बाद बने गुजराल साहब… जैन कमीशन की सिफारिश आई कि राजीव गांधी के मरने में डीएमके के कुछ नेताओं की भी भूमिका है और उनके मंत्री मंत्रिमंडल से निकाले जाएं, ऐसा कहकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार को गिराया था। वो डीएमके उनके साथ है।”