कठुआ गैंगरेप और हत्या के 8 आरोपियों में से एक ने उसको नाबालिग के तौर पर लिए जाने की गुहार लगाई थी लेकिन मेडीकल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आरोपी की उम्र 20 वर्ष से भी ज्यादा है। सोमवार (2 जुलाई) को जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने यह रिपोर्ट पठानकोट के जिला और सत्र न्यायालय में जमा की। विशेष सरकारी वकील जेके चोपड़ा ने रिपोर्ट जमा की। रिपोर्ट परवेश कुमार उर्फ मन्नू को लेकर है। कहा जा रहा कि कोर्ट में जमा की गई रिपोर्ट पर मंगलवार (3 जुलाई) को जज अपना फैसला सुना सकते हैं। चोपड़ा ने बताया कि चिकित्सकीय राय के अनुसार आरोपी की उम्र 20 वर्ष से ज्यादा है। आरोपी का मेडीकल टेस्ट पिछले 22 और 23 जून को तब किया गया था जब जिला और सत्र न्यायाधीश तजविंदर सिंह ने मन्नू की उम्र पता करने के लिए अपराध शाखा को हड्डियों वाला विशेष टेस्ट कराने का निर्देश दिया था।

अदालत ने इस टेस्ट का आदेश इसलिए दिया था क्योंकि बचाव पक्ष के वकील ने मन्नू के मैट्रिक प्रमाण पत्र का हवाला देते हुए उसे नाबालिग के तौर पर गिने जाने का आग्रह किया था। इसके बाद रेडियोलॉजी विभाग समेत विभिन्न विभागों के डॉक्टर की एक टीम गठित की गयी थी और आरोपी की जांच पिछले महीने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके जल्ला की देखरेख में की गई थी। इसके अलावा बचाव पक्ष के वकील ने अदालत के समक्ष के सोमवार को अलग से एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमें कहा गया कि अपराध शाखा द्वारा 23 जून को मन्नू को यातना का सामना करना पड़ा था। याचिका में दावा किया गया है कि अपराध शाखा इस मामले में कुमार को गुनाह कबूलने के लिए मजबूर कर रही थी।

हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने आरोपों से इंकार किया है और कहा है कि इसे अदालत में लड़ा जाएगा। 16 दिनों के ग्रीष्मकालीन विराम के बाद मामले के सुनवाई फिर से शुरू हुई है। बता दें कि इसी वर्ष जनवरी में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 वर्षीय बच्ची के साथ कथित तौर पर कई दिनों तक गैंगरेप करने के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। घटना की वीभत्सता सामने आने पर देश के कई शहरों में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। इस घटना ने राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक की कई हस्तियों को आंदोलित कर दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के इंडिया गेट पर आधी रात को कैंडल मार्च निकाला था और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के कुछ नेताओं पर आरोपियों का समर्थन करने के आरोप लगे थे।