16 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में कर्नाटक में नतीजे भाजपा के लिए उत्साहित करने वाले रहे जहां पार्टी ने तीन सीटों पर कब्जा किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता से राजनेता बने जग्गेश और लहर सिंह सिरोया के रूप में तीन भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश भी राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करने में सफल रहे। हालांकि, कर्नाटक में सबसे बड़ा झटका जेडीएस को लगा, जिसके हाथ कुछ न आया।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी राज्यसभा चुनाव में कोई सीट नहीं जीत सकी। दूसरी तरफ, इस चुनाव के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह भी सामने आई है। जनता दल (सेक्युलर) के दो विधायकों के ‘क्रॉस वोटिंग’ करने के बाद पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। पार्टी नेतृत्व ने अपने दो नेताओं- कोलार से विधायक श्रीनिवास गौड़ा और गुब्बी से विधायक एस आर श्रीनिवास पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया।
वहीं, श्रीनिवास गौड़ा ने स्वीकार किया कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को वोट दिया, लेकिन एस आर श्रीनिवास का कहना था कि उन्होंने केवल जद (एस) के लिए वोट किया था। दूसरी तरफ, पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सी एम इब्राहिम ने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से इन नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने की सिफारिश करेंगे। जनता दल (सेक्युलर) के खाते में एक भी सीट नहीं आई। पार्टी ने पर्याप्त वोट न होने के बावजूद अपना एक उम्मीदवार खड़ा किया था। लेकिन ये रणनीति कारगर साबित नहीं हुई।
राज्यसभा चुनाव से कुछ घंटों पहले ही, पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने जेडीएस के विधायकों को खुला पत्र लिखकर अपनी पार्टी के उम्मीदवार मंसूर अली खान के पक्ष में वोट डालने की अपील की थी, जिसको लेकर एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। भाजपा ने कर्नाटक में राज्यसभा के लिए चार सीट पर हुए चुनाव में तीनों सीट पर जीत दर्ज की, जिन पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। जबकि, कांग्रेस के खाते में केवल एक सीट आई, जबकि उसने दो सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।