चुनावों में लचर प्रदर्शन के बाद अब कांग्रेस को राज्य स्तर पर पार्टी ईकाई में भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बता दें कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री और विधायक प्रमोद माधवराज ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

वहीं इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही प्रमोद माधवराज ने कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई की उपस्थिति में पार्टी के अन्य नेताओं के साथ भाजपा का दामन थाम लिया।

अपने इस्तीफे में प्रमोद माधवराज ने राज्य में कांग्रेस के कमजोर होने और पार्टी की खामियों का जिक्र किया है। उन्होंने पार्टी संगठन की कमजोरियों को सिलसिलेवार तरीके से उठाया है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस ने मुझे कर्नाटक स्टेट कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया। पार्टी को मैं इसके लिए धन्यवाद देता हूं। पार्टी को लेकर किये गये मेरे योगदान को पार्टी संगठन के लोग भली-भांति जानते हैं।

इस्तीफे में क्या लिखा: अपने इस्तीफे में प्रमोद माधवराज ने लिखा, “मैने पार्टी की तन, मन, धन से सेवा की। पार्टी ने भी मेरे काम और मेरी लगन को देखते हुए मुझे कई पदों पर रहने का मौका दिया। मैंने अपनी पूरी निष्ठा से पार्टी में रहकर काम किया। लेकिन मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि बीते तीन सालों में उडूपी जिला कांग्रेस के साथ काम करने का मेरा अनुभव अच्छा नहीं रहा।”

“मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया”: उन्होंने कहा, “इस हालत में पार्टी में बने रहते हुए मुझे राजनीतिक घुटन महसूस हो रही थी। इसको लेकर मैंने कई राज्य कांग्रेस अध्यक्ष व पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को बताया। मैने पार्टी के नेताओं को आगाह किया कि उडूपी में कांग्रेस संगठन लगातार कमजोर हो रही है। लेकिन मैने ये महसूस किया कि मेरी बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने कहा अब मुझे लग रहा है कि इस हालत में कांग्रेस के साथ आगे चलना मेरे लिए काफी मुश्किल है। मुझे एहसास हो रहा है कि मैं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पद के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा। ऐसे में अब मैं पार्टी के सभी पदों के साथ-साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देता हूं।